पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी का निधन हो गया है। वह 93 वर्ष के थे। उन्होंने शाम 5 बजकर 5 मिनिट पर दिल्ली के एम्स अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। अटलजी पिछले 9 हफ्तों से एम्स में भर्ती थे। वाजपेयी शुगर से पीड़ित थे और उनकी केवल एक ही किडनी काम कर रही थी। उन्हें 11 जून को उन्हें किडनी, नली में संक्रमण, सीने में जकड़न और पेशाब की नली में संक्रमण होने के चलते एम्स में भर्ती कराया गया था। देश के 10वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने वाले वाजपेयी बीजेपी के साथ विपक्ष के भी पसंदीदा नेता रहे हैं। तबीयत ज्यादा बिगड़ने के कारण बुधवार से उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। पिछले 24 घंटों में उनकी स्थित ज्यादा बिगड़ गई थी और तभी से उनकी हालत नाजुक थी। उनकी मेडिकल बुलेटिन में भी डॉक्टर्स ने यही बताया था कि उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा है। उनकी मृत्यु की खबर से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सहित आला नेताओं ने उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। यह मेरे लिए व्यक्तिग दुख की घड़ी है, जिसे शब्दों में बयां कर पाना संभव नहीं है। अटल जी मेरे लिए पिता तुल्य थे, मार्गदर्शक थे। मुझे उनका सान्निध्य मिला, ये मेरा सौभाग्य है।#AtalBihariVajpayee pic.twitter.com/6zgyU9voH1
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) August 16, 2018
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अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में मध्यमवर्गीय ब्राह्म परिवार में कृष्णा देवी और कृष्ण बिहारी वाजपेयी के घर हुआ था। उनके पिता एक कवि होने के साथ ही स्कूल में शिक्षक थे। वाजपेयी की शुरुआती पढ़ाई ग्वालियर के सरस्वती शिशु मंदिर में हुई। बाद में उन्होंने विक्टोरिया कॉलेज ग्वालियर (अब लक्ष्मी बाई कॉलेज) से स्नातक की उपाधि ली। कानपुर के एंग्लो-वैदिक कॉलेज से वाजपेयी ने राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। अटल बिहारी वायपेयी को वर्ष 1992 में पद्म भूषण और 2015 में देश के सर्वोच्य सम्मान भारत रत्न से नवाजा जा चुका है। उनके जन्मदिन 25 दिसंबर को ‘सुशासन दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है।
अटल बिहारी वाजपेयी आजीवन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक प्रतिष्ठित नेता रहे और उन्हें सांस्कृतिक समभाव, उदारवाद और राजनीतिक तर्कसंगतता के लिए जाना जाता है। वे तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। उनके कार्यकाल में ही भारत ने पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किया। नई दिल्ली-लाहौर बस सेवा शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच शांति की उम्मीदों को नया आयाम दिया। अटलजी एक अनुभवी राजनीतिज्ञ और उत्कृष्ट सांसद होने के अलावा एक प्रसिद्ध कवि और लेखक भी थे। उन्होंने राष्ट्रधर्म हिंदी मासिक, पांचजन्य हिंदी साप्ताहिक और दैनिक स्वदेश और वीर अर्जुन जैसे दैनिक अखबारों के लिए भी काम किया था। वाजपेयी ने पूरी जिंदगी अविवाहित रहने का प्रण लिया था और रहे भी।
इससे पहले उनके गंभीर स्वास्थ्य की जानकारी मिलते ही आज सुबह से नेताओं का दिल्ली एम्स पहुंचना बदस्तूर जारी है। आज सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद सुबह दो बार एम्स पहुंचे और चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने भी उनके स्वास्थ्य के बारे में सुनकर अपनी राजस्थान गौरव यात्रा का दूसरा चरण रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री राजे ने अस्पताल पहुंचकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और वाजपेयीजी के परिजनों से भी मिलीं। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह, लाल कृष्ण आड़वाणी, बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर व मीनाक्षी लेखी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य नेता भी एम्स पहुंचे हैं। दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।