जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास ना तो नीति है, ना ही नेता है और ना ही नियत है। अशोक गहलोत सरकार बीजेपी की योजनाओं का ही नामकरण कर रही है। स्वास्थ्य योजना बीमा योजना, आर्दश विद्यालय और अटल सेवा केंद्र आदि का कांग्रेस केवल नाम बदल रही है। जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार होती है तो ग्राम पंचायत और पंचायत समिति स्तरों परे सेवा केंद्र का नाम अटल सेवा केंद्र कर देती है तथा कांग्रेस की सरकार आती है तो इसका नामकरण करके राजीव गांधी सेवा केंद्र कर देती है। इसी कड़ी अब गहलोत सरकार बीजेपी की एक ओर योजना का नाम बदलने जा रही है। राजस्थान सरकार ने राज्य के नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए एक नए कार्ड को शुरू करने की तैयारी की है। सरकार ने योजनाओं का लाभ देने के लिए एक नया कार्ड ‘जन आधार’ लाने की औपचारिक घोषणा कर दी है।
‘भामाशाह’ की जगह ‘जन आधार कार्ड’
अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरे होने के अवसर पर 18 दिसंबर को जयपुर में जन आधार योजना की शुरुआत होगी और अगले साल एक अप्रैल से यही कार्ड मान्य होगा। अधिकारियों ने बताया कि गहलोत सरकार के ‘जन आधार कार्ड’ के अस्तित्व में आने के बाद पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार द्वारा चलाया गया ‘भामाशाह कार्ड’ बंद हो जाएगा। अधिकारी ने कहा कि मौजूदा ‘भामाशाह कार्ड’ की जगह ‘जन आधार कार्ड’ जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, इसे अगले तीन महीने में पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जन आधार कार्ड 10 अंकों का विशिष्ट नंबर वाला होगा।
वसुंधरा ने की थी भामाशाह कार्ड की शुरुआत
आपको बता दें कि भामाशाह कार्ड की शुरुआत 2014 में तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने की थी। इसमें परिवार की महिला के नाम पर कार्ड जारी किया जाता है और सार्वजनिक वितरण प्रणाली, नि:शुल्क चिकित्सा, पेंशन सहित तमाम सरकारी योजनाओं के लाभ इसी कार्ड के जरिए लाभार्थी को मिलते हैं। इसमें नकदी का लाभ लाभार्थी के बैंक खाते में सीधा जाता है।