जयपुर। राजस्थान का पॉलिटिकल ड्रामा अब दिल्ली दरबार पहुंच चुका है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सियासी घटनाक्रम की जानकारी दी अशोक गहलोत ने कहा कि पिछले दिनों राजस्थान कांग्रेस में जो कुछ हुआ वह बहुत दुखद है। मैं भी इससे बड़ा आहत हूं। सोनिया गांधी से बैठक खत्म होने के बाद अशोक गहलोत के सी वेणुगोपाल के साथ बाहर निकले। बीते 5 दिन से सचिन पायलट पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है।
अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मांगी माफी
सोनिया गांधी से करीब 35 मिनट तक चली मुलाकात में अशोक गहलोत ने राजस्थान के सियासी घटनाक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी और इसको लेकर माफी मांगी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बैठक खत्म होने के बाद अशोक गहलोत मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को मैंने पूरी जानकारी दी है और पूरे घटनाक्रम को लेकर सोनिया गांधी से माफी मांगी है।
नहीं लड़ेंगे अध्यक्ष पद का चुनाव
अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद साफ कर दिया कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। पूरे घटनाक्रम को लेकर सीएम गहलोत ने सोनिया गांधी से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि मंगलवार की घटना के बाद मैंने तय कर लिया कि अब मैं अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लडूंगा। आलाकमान ने पूरा विश्वास करके मुझे जो जिम्मेदारी दी। मैं प्रदेश अध्यक्ष एआईसीसी महासचिव सहित कई पदों पर रहा हूं। मुख्यमंत्री बने रहने के सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा कि इसपर सोनिया गांधी को फैसला लेना है।
गहलोत के तेवर पड़े नरम
कांग्रेस नेतृत्व के सामने मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि जो हुआ उससे बेहद आहत हूं। गुरुवार को दिल्ली पहुंचे अशोक गहलोत के तेवर भी नरम पड़ते नजर आए। मीडिया से बातचीत करते हुए गहलोत ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व का जो आदेश होगा उसका पालन करूंगा। मैं कांग्रेस का हमेशा से अनुशासित कार्यकर्ता रहा हूं।
गहलोत खेमे के विधायकों पर एक्शन
25 सितंबर को जयपुर में मुख्यमंत्री आवास पर बैठक बुलाई गई, जिसमें पायलट गुट के 18 विधायक सीएमआर पहुंचे। वहीं गहलोत खेमे के विधायक वहां नहीं पहुंचकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर पहुंचे और वहां गहलोत को ही मुख्यमंत्री बने रहने पर सहमति जताई। विधायकों के कड़े तेवर पर पर्यवेक्षकों ने आपत्ति जताते हुए अनुशासनहीनता करार दिया और आलाकमान से इन कार्रवाई करने की सिफारिश की।
दिग्विजय सिंह का नाम रेस में सबसे आगे
अशोक गहलोत ने अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान के बाद साफ हो गया कि कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में दिग्विजय सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है। आज दिग्विजय सिंह ने पार्टी कार्यालय से नामांकन फॉर्म लिया है और वह 30 सितंबर यानी कल पर्चा दाखिल करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 30 सितंबर है। दिग्विजय सिंह के आलावा शशि थरूर और मनीष तिवारी के भी चुनाव लड़ने की चर्चा है।