मिड-डे-मील योजना के साथ अन्नपूर्णा दूध को जोड़ने से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पोषण स्तर में सुधार तो होगा ही, स्कूलों में नामांकन और ठहराव भी बढ़ेगा। – मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा, ‘मैं भी एक मां हूं और मैं जानती हूं कि अपने बच्चे को तंदुरूस्त देखने का सुख क्या होता है। इसलिए आज से 8वीं कक्षा तक के सभी सरकारी स्कूलों, मदरसों आदि में पढ़ने वाले हर बच्चे को सप्ताह में तीन दिन ताजा, शुद्ध और पौष्टिक गर्म दूध मिलेगा।’ मुख्यमंत्री राजे ने यह कथन सोमवार को जयपुर के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय, दहमी कलां में अन्नपूर्णा दूध योजना के राज्य स्तरीय शुभारंभ समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने इस योजना में महिला दुग्ध उत्पादक समितियों के जरिए दूध की आपूर्ति को प्राथमिकता देने पर जोर देते हुए कहा कि जिस तरह एक माता अपने बच्चों के दूध के लिए गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करतीं। उसी तरह महिला दुग्ध उत्पादक समितियों से जुड़ी महिलाएं भी गुणवत्ता बनाए रखेंगी।
अन्नपूर्णा योजना के दूध से स्वस्थ होगा बचपन
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि बच्चों को सही पोषण मिले इसके लिए उनके माता-पिता रात-दिन मेहनत करते हैं। लेकिन अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों, मदरसों आदि में पढ़ने वाले करीब 62 लाख बच्चों के अभिभावकों को यह चिंता करने की जरूरत नहीं है। यह योजना हमारे खुशहाल और स्वस्थ भविष्य की नींव है। हमारे नौनिहालों के लिए राजस्थन सरकार ने अन्नपूर्णा दूध योजना शुरू की है। जब ये बच्चे मिड-डे मील के साथ दूध पीकर स्वस्थ बनेंगे, तो हमारा आने वाला कल बेहतर होगा।
हैप्पीनैस इंडेक्स में भी आएगा सुधार: देवनानी
शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि बालकों के पोषण स्तर में सुधार की दिशा में यह योजना मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचारों की जानकारी देते हुए कहा कि करीब एक लाख शिक्षकों को पदोन्नतियां दी गई हैं। राज्य में बड़ी संख्या में शिक्षकों के रिक्त पद भरे गए हैं। उन्होंने कहा कि अब इस योजना से मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप हैप्पीनैस इंडेक्स में भी सुधार आएगा।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर संसदीय सचिव एवं स्थानीय विधायक कैलाश वर्मा, सांसद रामचरण बोहरा, विधायक निर्मल कुमावत, जिला प्रमुख मूलचन्द मीणा, प्रमुख शासन सचिव स्कूल शिक्षा नरेशपाल गंगवार सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि तथा संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, बच्चों के अभिभावक एवं शिक्षक मौजूद थे।
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