राजस्थान सरकार किसानों के लिए एक बार फिर एक बड़ी सौगात लाने की तैयारी कर रही है। अब सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषि ऋण लेने वाले सभी किसानों की फसल को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में लाया जाएगा। योजना के तहत एक काश्तकार, एक खेत, एक फसल और एक बीमा के विचार को अमलीजामा पहनाया जाएगा। प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारिता अभय कुमार शासन सचिवालय में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सहकारी बैंकों द्वारा किए गए फसल बीमा की प्रगति की समीक्षा के दौरान यह बात कही है। उन्होंने जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा रबी सीजन के लिए किए जा रहे कृषि ऋण वितरण की समीक्षा करते हुए तय लक्ष्यों के अनुसार किसानों को ऋण वितरण सुनिश्चित किया जाने के निर्देश दिए।
कुमार ने आगे कहा कि सहकारी बैंक एवं कॉमर्शियल बैंक दोनों जगह से कृषि ऋण लेने वाले किसानों के मामलों में सहकारी बैंकों द्वारा दिए गए ऋण से उपजाई गई फसल को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में लाया जाएगा जिससे किसान के हित सुरक्षित रह सकें। योजना के तहत कृषि ऋण लेने वाले सभी किसानों की फसल का बीमा करवाया जाना अनिवार्य है। इसकी पालना सुनिश्चित की जाए और तय समय में किसान की प्रीमियम राशि बीमा कम्पनी को भिजवा दी जाए।
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उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के प्रीमियम एवं फसल की विगत को ईमित्र केन्द्रों के माध्यम से वेबपोर्टल पर अपलोड किया जाए ताकि तय समय सीमा में अधिक से अधिक किसानों की सूचना बीमा कम्पनी को उपलब्ध हो सके। कुमार ने कहा कि बैंकों में गैर निष्पादक आस्तियों (एनपीए) में वृद्धि को स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिए कि वे टीम बनाकर एनपीए में वर्गीकृत प्रकरणों की साप्ताहिक समीक्षा करें और उनकी वसूली सुनिश्चित की जाए और साथ ही ऐसे मामलों में सहकारिता कानून एवं नियमों के अनुसार कार्यवाही करें।
इसके अलावा, प्रमुख शासन सचिव ने सभी जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों में नागरिक शिकायत निवारण केन्द्र गठित करने एवं बांरा, भरतपुर, चूरू, नागौर एवं बूंदी सहकारी बैंकों को डाटा माइग्रेशन ऑडिट पूरा कराने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर अतिरिक्त रजिस्ट्रार (प्रथम) जी.एल. स्वामी, संयुक्त शासन सचिव, सहकारिता सुखवीर सैनी, अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक विद्याधर गोदारा, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) एम.पी. यादव, महाप्रबंधक अपेक्स बैंक पी.सी. जाटव सहित जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक उपस्थित रहे।
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