राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि राजस्थान में लगभग 8-10 जिले हर वर्ष सूखे की चपेट में रहते हैं। भारत सरकार की उच्चस्तरीय कमेटी वर्ष 2010 के कृषि सर्वेक्षण में किसानों की संख्या के आधार पर कृषि इनपुट सब्सिडी की राशि का निर्धारण करती है। किसानों की वास्तविक संख्या से यह संख्या कम होने के कारण पूरी मदद नहीं मिल पाती है। उन्होंने मांग की कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसानों की वास्तविक संख्या और वास्तविक क्षेत्रफल के आधार पर मदद दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री राजे रविवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन में आयोजित नीति आयोग की शाषी परिषद की चौथी बैठक को संबोधित कर रही थीं।
एसडीआरएफ मानदण्ड बढ़ाकर 5 हैक्टेयर किया जाये
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि एसडीआरएफ नॉर्म्स के अनुसार कृषि इनपुट सब्सिडी के लिए अभी 2 हैक्टेयर की काश्त की अधिकतम सीमा है। राजस्थान में काश्त का आकार तो बड़ा है लेकिन ज्यादातर भूमि असिंचित अथवा बंजर है। उन्होंने यहां की विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर कृषि इनपुट सब्सिडी के लिए एसडीआरएफ नॉर्म्स में बदलाव कर प्रति किसान काश्त की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 5 हैक्टेयर करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने जीएसटी परिषद के अंतर्गत राज्यों का एक समूह बनाने की बात रखी ताकि जीएसटी प्रणाली को लागू करने में सामने आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर किया जा सके। उन्होंने जीएसटी में रिफण्ड प्राप्त करने में व्यापारियों को आ रही परेशानियों को दूर करने की भी केन्द्र सरकार से मांग की।
सीएम ने गांधीजी के नाम पर पर्यावरण संरक्षण अभियान का दिया सुझाव
मुख्यमंत्री राजे ने नीति आयोग की शाषी परिषद की चौथी बैठक को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष की तैयारियों के संबंध में सुझाव दिया कि उनके नाम पर राजस्थान के मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की तर्ज पर पर्यावरण संरक्षण के लिए एक देशव्यापी अभियान शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में किए जा रहे प्रयासों से यह साफ हो गया है कि खादी को फैशन की दुनिया में एक अलग स्थान दिलाया जा सकता है। सीएम ने केन्द्र सरकार को गौशालाओं के लिए संस्थागत सहायता बढ़ाने का सुझाव भी दिया है।
सतही जलापूर्ति परियोजनाओं में केन्द्र सरकार की हो 50 फीसदी हिस्सेदारी
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि बैठक में कहा कि राजस्थान में पानी की कमी के साथ-साथ इसकी खराब गुणवत्ता भी बड़ी समस्या है। देश की फ्लोराइड प्रभावित आबादियों में से 53 प्रतिशत राजस्थान में हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति को देखते हुए फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में सतही जल आपूर्ति परियोजनाआें के लिए केन्द्र सरकार को परियोजना लागत का 50 प्रतिशत हिस्सा वहन करना चाहिए।