झीलों की नगरी उदयपुर को जल्दी ही एग्री टूरिज्म की सौगात मिलेगी। इस प्रोजेक्ट के तहत उन पर्यटकों को फायदा होगा जो जंगल, खेत-खलियान और ग्रामीण जीवन को करीब से देखना चाहते हैं। आज की भागदौड़ वाली लाइफ में उन लोगों की कमी नहीं है जिन्हें ग्रामीण परिवेश से प्यार है। ऐसे में एग्री टूरिज्म प्रोजेक्ट के तहत उदयपुर आने वाले पर्यटक ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के यहां ठहर भी सकेंगे। पर्यटकों के वहां रूकने, खाने-पीने के साथ सुरक्षा की व्यवस्था भी की जाएगी। एग्री टूरिज्म प्रोजेक्ट के तहत न केवल पर्यटकों को शहर में घूमने के साथ गांवों के जंगल, खेत, रहन-सहन, खानपान और खेती करने का अनुभव मिलेगा, वरन् किसानों की आय भी बढ़ेगी। शहरी पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश का यह अहसास काफी खास होगा।
जानकारी देते हुए कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया है कि एग्री टूरिज्म प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाने के साथ लेकसिटी को टूरिज्म की दिशा में मोड़ने का एक कदम है। अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो प्रदेश में सबसे पहले एग्री टूरिज्म की सौगात उदयपुर को मिलेगी। साथ ही किसानों का कमाई का एक नया जरिया भी मिल सकेगा।
एक सर्वे के अनुसार उदयपुर सिटी में हर साल करीब 8 लाख देसी-विदेशी पर्यटक आते हैं जो शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में झीलों, पहाड़ों में घूमना खासतौर पर पसंद करते हैं। ऐसे में शहरी परिवेश में पले-बढ़े लोगों के लिए जंगल, गांव व खेत के अनुभव के साथ ग्रामीण खाने के जायके का लुत्फ उठाने का मौका शायद ही कोई छोड़ना चाहेगा।
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