जयपुर। राजस्थान में बीते 3 साल से कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे थे अब वो खत्म होने जा रहा है। गहलोत सरकार में इसी महीने बंपर राजनीतिक नियुक्तियों का पिटारा खुलने जा रही है। पार्टी सूत्रों ने इसके बारे में संकेत दिए हैं। माना जा रहा है कि दो दर्जन से ज्यादा बोर्ड-निगमों और आयोगों के साथ-साथ खाली पड़े यूआईटी चेयरमैनों के पदों और अकादमियों में भी राजनीतिक नियुक्तियों की जाएगी। बताया जा रहा है कि 25 दिसंबर तक अधिकांश प्रदेश स्तरीय बोर्ड-निगमों और आयोगों में राजनीतिक नियुक्तियां कर दी जाएंगी।
10 से 15 संसदीय सचिवों की भी होगी नियुक्ति
बोर्ड-निगमों और आयोगों में राजनीतिक नियुक्तियों के साथ-साथ सरकार में 10 से 15 संसदीय सचिवों की भी नियुक्ति की जाएगी। हालांकि इस बार संसदीय सचिव बनाए जाने वाले विधायकों में से केवल चार से पांच विधायकों को ही राज्यमंत्री का दर्जा दिया जा जाता है। संसदीय सचिव बनाए जाने वाले शेष विधायकों को लाभ के पद से बाहर रखा जाएगा।
राजनीतिक नियुक्तियों की सूची तैयार
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो राजनीतिक नियुक्तियों की सूची बनकर तैयार है, बस केवल घोषणा का ही इंतजार है ।राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर पूर्व में प्रदेश प्रभारी अजय माकन, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच फाइनल चर्चा हो चुकी है।
इन बोर्ड निगमों और आयोगों में होगी नियुक्तियां
सूत्रों के अनुसार, जिन आयोगों में राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं उनमें महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, निशक्तजन आयोग, एससी-एसटी आयोग, ओबीसी आयोग में राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं इसके अलावा समाज कल्याण बोर्ड, मदरसा बोर्ड, हज कमेटी अल्पसंख्यक वित्त निगम, वक्फ बोर्ड, देवस्थान बोर्ड, हाउसिंग बोर्ड, किसान आयोग, गौसेवा आयोग, बीज निगम, राजस्थान पर्यटन विकास निगम, अभाव अभियोग निराकरण समिति, माटी कला बोर्ड, केशकला बोर्ड, घुमंतु अर्ध घुमंतु बोर्ड, वक्फ विकास परिषद, मेवात विकास बोर्ड, डांग विकास बोर्ड, खादी बोर्ड, बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, जयपुर, अजमेर और जोधपुर विकास प्राधिकरण में राजनीतिक नियुक्तयां होगी हैं।