बैंक खाते, मोबाइल नंबर एवं पासपोर्ट से आधार को लिंक कराने की समय सीमा को सुप्रीम कोर्ट ने अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी है। पहले यह डेडलाइन 31 मार्च, 2018 रखी गई थी। साथ ही कई सेवाओं में आधार लिंक की वैधता को भी खत्म कर दिया है। पांच जजों की बेंच ने आधार की संवैधानिक वैद्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह भी कहा कि सब्सिडी को छोड़कर बाकी सेवाओं के लिए भी सरकार आधार नंबर पेश करने पर बल नहीं दे सकती और इस मामले में उसका पुराना निर्णय प्रभावी रहेगा।
31 मार्च तक आधार लिंक इनके लिए था जरूरी …
- बैंक अकाउंट
- मोबाइल सिम
- म्युचूअल फंड
- पोस्ट ऑफिस स्कीम्स
- इंश्योरेंस
- सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उन लोगों के बड़ी लिए राहत लेकर आया है जिन्होंने अभी तक अपना फोन और बैंक अकाउंट आधार से लिंक नहीं कराया था। फिलहाल आधार स्कीम की संवैधानिक वैद्यता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार कर रही है। ऐसे में यह मामला विचाराधीन है।
पूर्व में अंतिम तिथि थी 31 मार्च
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार तत्काल पासपोर्ट के लिए भी आधार को बाध्यकारी नहीं बना सकती। बता दें, पिछले साल 15 दिसंबर को कोर्ट ने आधार को बैंक अकाउंट्स और मोबाइल फोन से लिंक करने की डेडलाइन को बढ़ाकर 31 मार्च, 2018 कर दिया था।
80 प्रतिशत बैंक अकाउंट आधार से जुड़े
31 मार्च तक संदिग्ध गतिविधियों और फ्रॉड जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने बैंक अकाउंट से आधार और पैन नंबर लिंक करने के निर्देश जारी किए थे। इसके बाद देशभर के करीब 80 प्रतिशत बैंक अकाउंट नंबर को आधार एवं पैन से जोड़ा जा चुका है। पुराने मोबाइल नंबर को भी आधार से जोड़ना निर्धारित तिथि तक लिंक करना जरूरी था जिसकी डेडलाइन भी बढ़ चुकी है।