राजस्थान के रणथम्भौर राष्ट्रीय अभ्यारण की सबसे प्रसिद्ध बाघिन मछली के नाम दुनियाभर में कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। मछली को टी-16 के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि अगस्त, 2016 में मछली हमसे विदा हो गई लेकिन उसकी यादें जिंदा होकर सामने आ रही है। मछली की मौत के करीब डेढ़ साल बाद उस पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई गई है जिसे 147 देशों को दिखाया जाएगा। 22 फरवरी को इस फिल्म की जयपुर शहर में स्क्रीनिंग होगी, जबकि 26 फरवरी को पूरे देश में रिलीज की जाएगी। ‘द वर्ल्ड मोस्ट फेमस टाइगर मछली’ नाम की इस एक घंटे की फिल्म में मछली के गोल्डन पीरियड से लेकर डेटिंग, मेटिंग, हंटिंग, ह्ययूमन रिलेशनशिप के अनछुए पहलु दिखेंगे। याद दिला दें, 14 फीट लंबे मगरमच्छ का शिकार करने पर यह बाघिन चर्चा में आ गई थी।
इस फिल्म को बनाया है नल्ला मुत्थु ने जो चार बार के नेशनल अवॉर्ड विजेता रहे हैं। इस फिल्म के जरिए फिल्मकार ‘सेव द टाइगर’ का संदेश देना चाहते हैं। आपको बता दें कि नल्ला ने करीब 9-10 साल तक रणथंभौर में सबसे बड़े राजपाट वाली इस बाघिन पर बारीकी नजर रखी। इन 10 सालों में उन्होंने रणथम्भौर के जंगलों में कड़ी मेहनत से शूटिंग की है। मछली ने अपनी अंतिम सांस भी नल्ला के सामने ही छोड़ी थी। उनकी पत्नी अनमिता आदेशरा का भी इस फिल्म निर्माण में खासा योगदान रहा है।
यह भी खास है कि यह डॉक्यूमेंट्री अमेरिका में रिलीज हो चुकी है। 26 फरवरी को रात 8 बजे नेशनल जियोग्राफिक चैनल पर इस फिल्म को 37 भाषाओं में 147 देशों में प्रसारित किया जाने वाला है। नल्ला इससे पहले रणथंभौर-सरिस्का के बाघों पर टाइगर क्वीन, टाइगर डायनेस्टी और टाइगर रिवेंज सरीखी फिल्में बना चुके हैं। मछली उनकी चौथी फिल्म होगी। इस डॉक्यूमेंट्री पर करीब चार करोड़ रूपए की लागत आई है। टाइगर कंजर्वेशन से जुड़े धीरेंद्र गोधा और दीनेश दुर्रानी के मुताबिक मछली को यह सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है।
कौन है मछली बाघिन
मछली बाघिन को दुनिया की सबसे उम्रदराज टाइग्रेस के तौर पर जाना और पहचाना जाता है। मछली को यह नाम पानी के प्रति उसके प्रेम की वजह से मिला था। नल्ला मुत्थु की जुबानी, ‘एक बाघिन कैसे टाइगर वर्ल्ड पर छा गई, यही फिल्म में दिखाया है। इस बाघिन के जरिए हमको करीब 50 बाघ मिले। हर बाघ का संरक्षण जरूरी है।’
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