कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए जरूरी है कि वहां रहने वाले सभी धर्मों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनकी बेहतरी के लिए भी कार्य किए जाएं। इस बात को ध्यान रखते हुए अल्पसंख्यकों के जीविकोपार्जन से लेकर उनकी शिक्षा और सामाजिक, आर्थिक विकास के
लिए राज्य सरकार द्वारा राजस्थान में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 36 कौमों के सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्पित हैं। राजे सरकार की सोच है कि समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर प्रदेश के विकास को एक नई दिशा दी जा सकती है। राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए विभिन्न योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर अल्पसंख्यक विकास के क्षेत्र में एक नई संरचना स्थापित की है।
राजस्थान में अल्पसंख्यकों के विकास के लिए राजे सरकार ने बनाई नई नीतियां:
‘विकास पर सबका हक है की मूल सोच के साथ राजस्थान में पिछले चार साल में अल्पसंख्यकों के कल्याण एवं समावेशी विकास की कई नीतियां और योजनाएं धरातल पर उतारी हैं। बदलते दौर में अल्पसंख्यक समुदाय विकास की दौड़ में कहीं पिछड़ न जाएं इसके लिए राज्य सरकार ने अल्पसंख्यकों की बुनियादी विकास की नीतियों को गति प्रदान की है। एजुकेशन,एम्प्लॉयमेंट एवं एम्पावरमेंट को आधार बनाकर विकास की मुख्यधारा में अल्पसंख्ययक समुदायों के गरीबों, पिछड़ों तथा निर्बल वर्गों को शामिल करने की सोच के साथ कई योजनाएं आगे बढ़ रही हैं। वर्तमान राजे सरकार अल्पसंख्यकों के समग्र सामाजिक आर्थिक विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। विकास योजनाओं और कल्याणकारी कार्यक्रमों से अल्पसंख्यक समुदाय बेहतर तालीम और बेहबूदी की तरफ बढ़ रहा है। इनसे अकलियत के लोगों में सामाजिक सुरक्षा, शैक्षणिक तथा आर्थिक उत्थान के प्रति आत्मविश्वास और तरक्की के प्रति रुझान बढ़ा है। युवाओं के लिए शैक्षणिक
सुविधाएं, आर्थिक रूप से सहायता एवं प्रशिक्षण के जरिए रोजगार के नये अवसर मिलने से अल्पसंख्यकों को अपना सपना साकार होता दिखाई दे रहा है।
647 लाख रुपये की लागत से मदरसों में करवाए जा रहे हैं विकास कार्य: मदरसों में आधुनिक शिक्षा प्रदान करने एवं मदरसों के उन्नयन एवं कंप्यूटरीकरण के तहत पंजीकृत मदरसों को 647.90 लाख रुपये की सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इनमें कंप्यूटर, प्रिंटर, यूपीएस आदि
शामिल हैं। मदरसा जनसहभागिता योजना के दिशा निर्देश अनुमोदित करवाये जा चुके हैं, जिसमें मदरसों में आधारभूत संरचना के निर्माण एवं विकास हेतु 40 प्रतिशत राशि जन-सहयोग से प्राप्त होने पर राज्य सरकार द्वारा 60 प्रतिशत राशि उपलब्ध करवाई जायेगी।
कौशल प्रशिक्षण देकर बनाया रोजगारपरक: अल्पसंख्यक युवाओं को राजे सरकार में राजस्थान नॉलेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (आर.के.सी.एल.) द्वारा रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए, युवाओं को स्वावलंबन की ओर अग्रेषित करने के उद्देश्य से कंप्यूटर दक्षता तथा अंग्रेजी भाषा दक्षता प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इस अवधि में आर.के.सी.एल. द्वारा 338 अल्पसंख्यक युवाओं को आधी फीस तथा 833 अल्पसंख्यक बालिकाओं को नि:शुल्क कंप्यूटर दक्षता का प्रशिक्षण दिया गया। सी.आई.सी.डी. द्वारा 1 हजार 36 अल्पसंख्यक युवाओं को विभिन्न विधाओं में रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया गया। रूडा द्वारा 270 अल्पसंख्यक महिलाओं को कौशल वृद्घि डिजाइन प्रशिक्षण तथा महिला दस्तकार मिश्रित समूह के तहत प्रशिक्षित किया गया।
2943 लाख की लागत से हो रहा है कब्रिस्तानों का विकास: राज्य सरकार की जनसहभागिता योजनान्तर्गत कब्रिस्तान विकास कार्यक्रम के तहत 428 कब्रिस्तानों की चार दीवारी हेतु 2943.32 लाख रुपये के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से 194 कब्रिस्तानों के कार्य पूर्ण हो गये हैं तथा 234 कार्य प्रगति पर हैं। राज्य सरकार ने कब्रिस्तानों के विकास के लिए राजस्थान वक्फ बोर्ड को वर्ष 2012-13 में 2 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई थी, जिसके अन्तर्गत जयपुर में 9, धौलपुर में 3, भरतपुर में 4, झुंझुनूं में 2, सवाईमाधोपुर में 2, कोटा 2, नागौर 1, अलवर 2, उदयपुर 1, जोधपुर 1, अजमेर 2, चूरू 2, बारां 1, टोंक में 1, कब्रिस्तानों की मरम्मत, सुधार एवं हाई मास्ट लाइट के कुल 33 विकास कार्य करवाए गए।
अल्पसंख्यक छात्रावासों का किया विस्तार: राज्य सरकार के 4 वर्षों के कार्यकाल में न केवल अल्पसंख्यक छात्रावासों की संख्या में विस्तार हुआ है, बल्कि छात्रावास योजना की क्रियान्विति से लाभान्वित अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2014-15 में 14 अल्पसंख्यक छात्रावास संचालित थे। जबकि वर्ष 2015-16 में 35 छात्रावासों का संचालन हुआ। इसी प्रकार वर्ष 2016-17 की अवधि में संचालित अल्पसंख्यक छात्रावासों की संख्या 57 हो गई। विभाग द्वारा छात्रावास योजना का विस्तार करते हुये वर्ष 2016-17 में 69 अल्पसंख्यक छात्रावासों के संचालन की स्वीकृति जारी की गई। विभाग द्वारा वर्तमान में दो स्तरों पर नि:शुल्क छात्रावास योजना का संचालन किया जा रहा है। एक ओर विभाग द्वारा चयनित प्रदेश की स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से अल्पसंख्यक बालक-बालिका छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं वही दूसरी ओर चरणबद्ध रूप से निर्मित विभागीय छात्रावास भवनों में छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं। छात्रावास योजना के तहत प्रति छात्र छात्रा मासिक 2 हजार रुपये (राज्य सरकार द्वारा संशोधित दर एक जुलाई, 2016 से) की दर से एवं अधिकतम 19 हजार रुपये साढ़े नौ माह की अवधि के लिए विभाग द्वारा अल्पसंख्यक छात्रावासों के संचालन हेतु अनुदान दिया जाता है।
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में की वृद्धि: अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार की स्कॉलरशिप दी जा रही है। अल्प संख्यक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत गत चार वर्षों में अल्प संख्यक पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति में 1 लाख 29 हजार 517 छात्र-छात्राओं को तथा मेरिट सह-साधन योजना के अन्तर्गत 15 हजार 58 छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया गया। फ्री कोचिंग एवं एलाइड स्कीम योजना के तहत राज्य के 430 अल्पसंख्यक छात्र छात्राओं को वर्ष 2014-15 में लाभान्वित किया गया। इसी प्रकार वर्ष 2015-16 में 330 एवं वर्ष 2016-17 में स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से 330 छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया गया। स्टेट मेरिट कम मीन्स छात्रवृति योजना अन्तर्गत वर्ष 2013-14 में 1033 छात्रों को लाभान्वित किया गया है। 13 दिसंबर 2013 से सितंबर 2017 तक आर.एम.एफ.डी.सी.सी. द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों को 98.75 करोड़ रुपये के ऋण वितरित कर लाभान्वित किया गया।
16 हजार से ज्यादा हज यात्रा की सुविधा से हुए लाभान्वित: पिछले चार वर्षों में राज्य सरकार द्वारा 16 हजार 425 महिला एवं पुरुषों को हज यात्रा की सुविधा से लाभान्वित किया गया। बहु क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम बहु क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (एमएसडीपी) योजनान्तर्गत 216.47 करोड़ रुपये के प्रस्ताव स्वीकृत कर राज्य में अल्पसंख्यक बहुल 8 जिलों के 10 ब्लाक्स एवं 3 कस्बों में 1 हजार 199 कार्य स्वीकृत किए गये जिनमें से 363 कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। जबकि 402 कार्य निर्माणाधीन हैं। शेष 434 कार्यों को शीघ्र प्रारम्भ किया जा रहा है।
कौशल विकास कार्यक्रम से हजारों की संख्या में युवाओं को दिलाया रोजगार: कौशल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत रोजगारोन्मुखीविभिन्न व्यवसायों में अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं कोराजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम, जयपुर द्वारा नि:शुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। योजनान्तर्गत वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक 3 करोड़ रुपये हस्तांतरित कर कुल 3 हजार 240 प्रशिक्षणार्थियों में से 604 युवाओं को रोजगार सुलभ करा दिया गया है। साइबर ग्राम साइबर ग्राम योजनान्तर्गत कुल 10 हजार 400 अभ्यार्थियों को दो फेज में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रथम एवं द्वितीय फेज में 9 हजार 800 छात्र छात्राओं को पंजीकृत कर 9 हजार 16 को प्रशिक्षण दिया गया। जिनमें से 7 हजार 995 विद्यार्थियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है।
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8 करोड़ रुपए की लागत से धार्मिक स्थल किए जा रहे हैं विकसित: बोर्ड ने भीलवाड़ा, जयपुर बीकानेर, आबूरोड, चित्तौडग़ढ़ तथा टोंक में 15 से अधिक वक्फ संपत्तियों को अतिक्रमण से मुक्त करवाया। जिला झुंझुनू स्थित वक्फ दरगाह नरड़ के विकास एवं सौंदर्यकरण कार्यों पर 217 लाख रुपए खर्च किए। राज्य सरकार ने प्रदेश की महत्वपूर्ण वक्फ दरगाहों को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए लगभग 8 करोड़ रुपए की धनराशि का बजट प्रावधान किया है। पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए दरगाह मोइनुद्दीन, गागरोन, जिला झालावाड़ दरगाह मीरा साहब, बूंदी, दरगाह अधरशिला, कोटा तथा दरगाह सूफी हमीदुद्दीन साहब, नागौर का चयन किया गया है।
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