गुलाबी नगरी जयपुर की हवाओं में अब गुलाबी सर्दियों का अहसास शुरू हो गया है। ऐसे समय में जयपुर के जवाहर कला केन्द्र के शिल्पग्राम में चल रहा आदि महोत्सव आपके लिए खास हो सकता है। यहां आदिवासी परिधानों का शानदार और भारी कलेक्शन यहां आने वालों के द्वारा खास तौर पर पसंद किया जा रहा है। आदिवासी परिधानों की भारी रैंज और कई तरह की वेराइटी यहां उपलब्ध हैं। आदिवासियों द्वारा तैयार किए गए गर्म कपड़ों को विशेष तौर पर पसंद भी किया जा रहा है। यहां के तैयार गर्म कपड़ों को खरीददारी में प्राथमिकता दी जा रही है। आदि महोत्सव एक दिसम्बर से शुरू हो चुका है। प्रदर्शनी में प्रवेश निःशुल्क रखा गया है । प्रदर्शनी 17 दिसम्बर तक प्रातः 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक आम लोगो के लिए खुली रहेगी।
आदि महोत्सव की जानकारी देते हुए केन्द्र सरकार के जनजाति मंत्रालय के संस्थान ट्राईफैड के क्षेत्रीय प्रबंधक वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि 1 दिसंबर से आयोजित आदि महोत्सव में देशभर से 18 राज्यों के आदिवासी बहुल 150 शिल्पियों ने हिस्सा लिया है। इस महोत्सव में सिंगल व डबल साइड जेकिट, कोट, शॉल, मफलर, दस्ताने व खेस सहित अन्य गरम परिधान यहां उपलब्ध हैं। ट्रेडिशनल स्टाइल रैंज में कांथा, चंदेरी, बंधेज, एपलीक आदि की साड़ियां व सूट यहां खास तौर पर पसंद किए जा रही हैं।
सर्दियों को ध्यान में रखने हुए गर्म कपड़ों की भारी रैंज यहां उपलब्ध कराई जा रही है। होम फर्निशिंग टेक्सटाइल उत्पाद तथा मैटल, ज्वैलरी, पेंटिंग, ब्लैक स्टोन, पोटरी, बम्बू एवं ऑर्गेनिक उत्पाद आदि के प्रोडक्ट भी यहां मौजूद हैं। शॉपिंग के साथ आदि महोत्सव में खाने-पीने के साथ संगीत कार्यक्रम का बखूबी इंतजाम किया गया है। आदि महोत्सव में 71 स्टॉल लगाई गई है। प्रदर्शनी में अब तक लगभग 10 लाख रुपये की ब्रिक्री हो चुकी है।
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