राज्य सरकार प्रदेश के ऐतिहासिक स्थलों और जन आस्था के केन्द्रों पर सुविधाएं विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर और संस्कृति के संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा 551 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न जिलों में 125 मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से तीस पेनोरोमा के निर्माण का कार्य भी जारी हैं। इसी कड़ी में गोविंद गुरू की कर्मस्थली मानगढ़ धाम में राष्ट्रीय संग्रहालय की आधारशिला रखी गई है। यह कहना है मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का जो रविवार को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में जनजाति स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि आमजन को अपने इतिहास, संस्कृति और परम्पराओं से रूबरू रखने में धन की कमी आड़े नहीं आएगी। मुख्यमंत्री राजे ने बताया कि ’राजस्थान का जलियावालां बाग’ के नाम से प्रसिद्ध मानगढ़ धाम पर बनने वाले राष्ट्रीय संग्रहालय, इस स्थल तक सुगम यातायात के लिए सड़क निर्माण एवं अन्य सुविधाओं के विकास के लिए 22.40 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
इससे पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मानगढ़ धाम में मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर आदिवासियों के आस्थाधाम पर गोविन्द गुरू के 1500 भक्त आदिवासियों द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान दिए गए बलिदान की पुण्य स्मृति में आयोजित वार्षिक मेले में भाग लिया। यहां उन्होंने जलदाय विभाग (पीएचईडी) के अधिकारियों को इस धाम तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था करने और पहाड़ी क्षेत्र में वन विकसित करने के निर्देश दिये।
समारोह में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री धनसिंह रावत, जलदाय राज्यमंत्री सुशील कटारा, सांसद मानशंकर निनामा, पूर्व मंत्री जीतमल खांट, संसदीय सचिव भीमा भाई, विधायक नवनीतलाल निनामा, नगरपरिषद् सभापति मंजूबाला पुरोहित, रामकिशोर मीणा एवं चुन्नीलाल गरासिया, अनिता कटारा, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद, एसपी कालूराम रावत सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिधि, अधिकारी, कर्मचारी और श्रद्धालु मौजूद रहे।
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