राज्यसभा सीट पर 16 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए निर्वाचन आयोग अधिसूचना जारी कर चुका है। एम. वैंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति पद पर निर्वाचन और उनके इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई है। भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर के.जे.अल्फोंस कन्ननथनम को अपना उम्मीदवार बनाया है। अल्फोंस कन्ननथनम हाल में किसी भी सदन से सदस्य नहीं हैं। अल्फोंस कन्ननथनम फिलहाल केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री का पदभार संभाले हुए हैं। इस उप-चुनावी दंगल में कांग्रेस ने अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारे जाने का एलान किया है। सोचने में यह बता अजीब हो सकती है लेकिन इसकी एक खास और साफ वजह है।
असल में राज्यसभा की इस सीट पर खड़े होने वाले उम्मीदवार के लिए राजस्थान विधानसभा के 199 विधायकों को वोट करना है। इसमें भाजपा के 161 विधायक यहां पहले से ही मौजूद हैं। ऐसे में कांग्रेस के थोड़े से विधायक चाहते हुए भी भाजपा का मुकाबला नहीं कर पाएंगे। इसी बात के चलते कांग्रेस ने यह फैसला लिया है। अल्फोंस कन्ननथनम की जीत तो पहले से ही पक्की थी लेकिन अब कांग्रेस के किसी प्रत्याशी को न उतारे जाने के बाद यह जीत असल में अहम हो गई है।
राज्यसभा में भाजपा के हो जाएंगे 8 सांसद
अल्फोंस कन्ननथनम के राज्यसभा में पहुंचते ही भाजपा के सांसदों की संख्या राज्यसभा में फिर से 8 हो जाएगी। राज्यसभा से प्रदेश से 10 सदस्य चुने जाते हैं। शेष 2 कांग्रेस के हैं लेकिन अप्रैल, 2018 में दोनों ही सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। विधानसभा चुनाव अगले साल के आखिर में होने हैं। ऐसे में शेष बची दोनों सीटों पर भी भाजपा के सदस्य अपना कब्जा जमाने में सफल होंगे। इस तरह राज्यसभा में प्रदेश की सभी 10 सीटों पर भाजपा का अधिकार होगा।
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