इस वीडियो में देखिये, देश को आज़ादी मिलने के सात साल बाद राष्ट्रवादी कवि रामधारी सिंह दिनकर की एक शानदार कविता ”समर शेष है।” कवि दिनकर ने इस कविता के माध्यम से देश की उस परिस्थिति का वर्णन किया है जब उपनिवेशवाद से आज़ादी मिलने के बाद भी लोग सामाजिक क़ैद में जकड़े हुए थे। दिनकर ने बताया कि अभी समर शेष है, अभी लड़ाई लड़नी है। अशिक्षा, अफसरशाही, बेरोजगारी, भेद-भाव, भुखमरी से तो अभी हम जीत ही नहीं पाए। दिनकर ने कहा कि समानता लानी होगी। अमीरी और गरीबी की खाई को पाटना होगा।
दिनकर देशवासियों से आह्वान करते हैं कि हथियार तैयार रखों शिक्षा, ज्ञान और समझदारी के। अभी हमें समाज की बुराइयों को मिटाना है।