anandpal-singh

राजस्थान सहित आस-पास के 5 राज्यों में खौफ का नाम बन चुका गैंगस्टर आनंदपाल सिंह जब 25 दिन पहले मारा गया तो उन सभी की आत्मा को शान्ति मिली जो इस खूंखार दरिंदें के शिकार बने थे। आनंदपाल की मौत पर उन सभी के मन में सुकून आया जिनके रिश्तेदार इस शैतान के शिकार बनें। आनंदपाल की मौत के बाद इसके पकडे गए गुर्गों ने बताया कि आनंदपाल सिंह ने जिन लोगों को मारा उन्हें इस कदर तड़पाया था जिसे देखकर मौत भी काँप जाए। अपने गाँव के पास आनंदपाल ने 15 करोड़ रूपए खर्च कर ऐसा भूतियाँ फार्महाउस बना रखा था, जिसमें वह वसूली के लिए अपहरण किये गए लोगों को क़ैद करके रखता था। इस दानव ने अमानवीयता से कई लोगों की ज़िन्दगी को अपने इस ठिकाने पर ख़त्म किया।

इस तरह का है, गैंगस्टर का अड्डा/ठिकाना:

आनंदाल सिंह के इस ठिकाना को उसका टॉर्चर होम कह सकते है क्योंकि यहाँ आनंदपाल उन लोगों को लाता था जिन्हें तड़पाकर मारना होता था। इस जगह आनंदपाल किडनैप करके लाये गए व्यक्ति की बेदर्दी से हत्या करता था। आनंद पाल के इस टॉर्चर होम में एक बेसमेंट (तहख़ाना) है। इस बेसमेंट के ऊपर दो फ्लोर है।

आनंदपाल के टॉर्चर होम का बेसमेंट बिलकुल में ठीक वैसा ही था, जैसा अक्सर किसी खूंखार अपराधी के बारें में कल्पना करने पर विचार में आता था। निर्दोष लोगों को बंधक बनाने के लिए इस बेसमेंट में कई लॉकअप थे। यहाँ किसी व्यक्ति को लाकर उसे बंद कर दिया जाता तह। उसे भूखा-प्यासा रखकर प्रताड़ित किया जाता था। रोज़ शाम को उसे पीट-पीटकर घायल कर दिया जाता था। गैंग के सभी सदस्य एक व्यक्ति को मारते थे। आनंदपाल के इस ठिकाने में बेसमेंट के ऊपर दो दो मंजिला फ्लोर भी है।

पहला फ्लोर: बेसमेंट के ऊपर के फ्लोर को इस तरह तैयार कर रखा था कि इसमें से आती हुई पुलिस को देखकर फायर किया जा सकें। इस फ्लोर में इस तरह से खिड़कियां बनाई गयी थी कि गेट से आने वाले व्यक्ति को निशाना बनाकर उस पर फायर किया जा सके।  इसके लिए लिए गोलाकार जगह निकाली गयी थी। इन खिड़कियों की मोटाई इतनी थी कि गोलियां भी नहीं भेद सकती थी। आनंदपाल ने 15 करोड़ खर्च कर यहाँ इतनी व्यवस्था कर दी थी कि अगर कभी पुलिस भी इस फार्म हाउस की घेराबंदी कर ले, तो भी आसानी से पुलिस जवानों पर चुपके से फायर कर उन्हें मारा जा सकें।

छत : आनंदपाल के इस फार्महाउस की छत यानी इसका सबसे ऊपरी माला पूरी तरह सीमेंट और कंक्रीट से बनी हुई है। यह छत किसी फौजी बंकर की तरह बनी हुई है। इस छत में चारों तरफ इस तरह से जगह बनी हुई है, जैसे आर्मी टैंकों में बनी होती है। इनमें से आनंदपाल के गुर्गें अपनी गर्दन निकाल कर आसानी से पुलिस पर निशाना साधा सकते है।

खुफियां, अँधेरी फ़िल्मी स्टाइल का है टॉर्चर रूम:

आनंदपाल के इस फार्महाउस में तहख़ाने के अंदर आनंदपाल पकड़कर लाये गए लोगों को मारता था, उन्हें मौत के लिए तरसाता था। राजस्थान पुलिस ने जब इस जगह की पड़ताल की तो यह दिखाई दिया कि जैसा किसी फिल्म में खूंखार अपराधी का अड्डा दिखाया जाता है। बिल्कुल उसी तरह का यह तहखाना दिखाई देता ही। घुप्प अंधेरा और सन्नाटे से परिपूर्ण ऐसी जगह जहाँ रहने वाला दम घुटने और डर लगने से ही मर जाए। आठ फीट की ऊंचाई के इस बेसमेंट में सिर्फ एक रोशनदान है जो इसकी भयावयता को बढ़ाता है। यह टॉर्चर रूम डरावने चमगादड़ों की लटकन से भरा हुआ है। आनंदपाल यहाँ वसूली होने तक लोगों को किडनैप करके रखता था। साल 2016 के नवंबर में इस फार्म हाउस को सरकार ने कुर्क कर लिया था।