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देश की उत्तर-पूर्वी सीमाओं पर लगातार हलचल करने वाले चीन की नापाक हरकतों से निपटने को भारत पूरी तरह तैयार है। भारत-चीन अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भारत ने चौकसी बढ़ा दी है। अक्साई चिन और सिक्किम बॉर्डर पर अवैध गतिविधि करने वाले चीन से निपटने के लिए भारतीय सेनाओं ने कमर कस ली है।  इसके लिए भारत ने सिक्किम के पास के इलाके में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए और ज्यादा सैनिकों को नॉन-कांबेटिव मोड में लगाया है। इस बार पूरे एक महीने से भारत-चीन सीमा पर भारतीय सैनिकों का चीनी सैनिकों के साथ गतिरोध बना हुआ है।

चीन को घुसपैठ और कायराना हमले का मिलेगा माकूल जवाब:

इन दिनों चीनी आर्मी ने भारतीय इलाके में तैनात दो भारतीय बंकरों पर धोखें से हमला कर दिया था। चीन द्वारा लगातार आक्रामक और लड़ाकू रवैया दिखाने के कारण भारत ने अपने और की सीमाओं पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। भारत ने अपने सैनिकों को नॉन-कांबेटिव मोड में तैनात किया है। इसका मतलब है कि वे गैर-लड़ाकू मोड पर लगातार चौकस रहेंगे। भारतीय क्षेत्र की चम्बा घाटी के पास और भारत-भूटान-तिब्बत ट्राईजंक्शन के कोने में साल 2012 से बनें हुए बंकर पर हमारे सैनिक शांतिपूर्वक निगरानी कर रहे थे। लेकिन चीन ने इन पर हमला कर अपनी नीचता दिखाई है। हालांकि वहां ड्यूटी पर तैनात भारतीय जवानों ने कायर चीनी सैनिकों को इलाके में घुसपैठ करने या अधिक नुकसान करने से पहले ही खदेड़ दिया। इस हमले के बाद चीनी सेना के 141 डिवीजन से उसके अतिरिक्त सैनिक हमले वाले जगह तैनात हो गए। चीनी सैन्यबल की इस हरकत को देखते हुए भारतीय सेना ने भी इलाकें में अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है। लड़ाई वाली जगह से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित भारतीय पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त बलों को उस जगह पर भेजा गया है।

1962 के बाद से सबसे लम्बा और गहरा गतिरोध:

इन दिनों भारत-चीन की सीमा पर चल रहा गतिरोध 1962 के युद्ध के बाद सबसे लम्बा और प्रतिद्वंदिता से भरा हुआ है। दोनों ही देश के सैनिक मुस्तैदी से विरोध में खड़े है। इससे पहले भी 2013 में लगातार 21 दिन तक दोनों देशों की सेनाओं के बीच लम्बा गतिरोध बन गया था। उस समय भारतीय जवानों ने चीनी घुसपैठियों को पूरी तरह खदेड़ दिया था।