राजस्थान के युवाओं के लिए खुशखबरी आई है। अब प्रदेश की कानून व्यवस्था को संभालने के लिए सजग प्रहरी मिलेंगे। राजस्थान सरकार द्वारा स्वीकृत की गई 15 हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है। अब प्रदेश के 15 हजार से ज्यादा युवायों को रोजगार के साथ प्रदेश की सेवा करने का मौका मिल सकेगा। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रयासों बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इन भर्तियों को करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिए है।
राजस्थान पुलिस में रिक्त 15 हजार से अधिक पदों को अगले दो साल में भरना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस दिशा में गुरुवार को राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं। हालांकि कोर्ट ने राजस्थान सरकार को राहत देते हुए भर्ती तीन बार में करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। सरकार के प्रस्ताव के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15701 रिक्तयों में से 20 फीसदी इस साल पूरी करने और 30 फीसदी 31 मार्च, 2018 तथा शेष 50 फीसदी पदों पर 31 मार्च, 2019 तक करने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री राजे ने 5500 पुलिसकर्मियों की भर्ती पर बजट में लगाई थी मुहर
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 2017-18 के बजट में प्रदेस में 5500 नए पुलिस रंगरूटों को भर्ती करने पर मुहर लगाई थी । मुख्यमंत्री राजे ने तीन वर्ष के कार्यकाल में 13 हजार 655 भर्तियां की हैं। इसमें विशेष तौर पर टीएसपी क्षेत्र में 520 एवं सहरिया क्षेत्र 222 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। उन्होंने बताया कि इस अवधि में 619 आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति भी दी गई है।
इससे पहले 10539 पदों पर पुलिसकर्मी भर्ती को मिली मंजूरी
राज्य सरकार 10539 पुलिसकर्मियों की भर्ती करने को भी स्वीकृत की जा चुकी थी। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए वित्त विभाग को भेजा जाएगा। इससे पहले 2013 में कांग्रेस सरकार के दौरान 12 हजार से अधिक कांस्टेबलों की भर्ती हुई थी। पुलिस के लिहाज से भाजपा सरकार की यह पहली बड़ी भर्ती होगी। इस प्रकार दो बार में प्रदेश में 15 हजार से ज्यादा पुलिस कर्मियों की भर्ती को कोर्ट ने मंजूरी दे दी है।