जयपुर। महामारी कोरोना वायरस एक बार फिर दुनियाभर में कोहराम मचा रहा है। चीन, अमेरिका और जापान सहित कई देशों में स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। अस्पतालों के बाहर लंबी कतारे लगी हुई है, मरीजों को बेड नहीं मिल रहे है। वहीं, श्मशान घाटों पर भी अंतिम संस्कार की जगह नहीं है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार भी अलर्ट पर है। एक तरफ जहां टेस्टिंग का आंकड़ा बढ़ गया है, वहीं आशंका भी जताई जा रही है कि जनवरी के मध्य तक स्थिति खराब हो सकती है। इस आशंका के बीच राजस्थान में वैक्सीन का संकट गहरा गया है। प्रदेश में कोविड वैक्सीन का स्टॉक ही खत्म है।
अगले सप्ताह तक करना पड़ेगा इंतजार
कोरोना को लेकर एक बार फिर से देशभर में अलर्ट है। माना जा रहा है कि जनवरी में नई लहर आ सकती है। वहीं, इसी बीच चौंकाने वाली बात यह है कि प्रदेश मेें कोविड वैक्सीन का स्टॉक ही खत्म है। ऐसे में अब कोविशील्ड की बूस्टर डोज और छोटे बच्चों को वैक्सीन लगवाने के लिए अभी अगले सप्ताह तक और इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि पिछले सात दिनों की रिपोर्ट देखें तो पॉजिटिविटी रेट का काफी कम होना राहत की बात जरूर है।
केंद्र को भेजी डिमांड, मंगाई 10 लाख डोज
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक डिपार्टमेंट ने इन दोनों वैक्सीन की कुल 10 लाख डोज मंगाई है। हालांकि अभी तय नहीं हुआ है कि इसमें से कितनी डोज मिलने वाली है। प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर (वैक्सीनेशन) डॉ. रघुराज सिंह के मुताबिक इस समय पूरे राजस्थान में कहीं भी कोविशील्ड की कोई डोज उपलब्ध नहीं है। इसके लिए पहले ही केंद्र सरकार को 10 लाख डोज की डिमांड भिजा गया है। डिमांड लेटर में 4.6 लाख डोज बच्चों को लगने वाली वैक्सीन कोर्बोवेक्स की है। वहीं बाकी डोज वयस्कों को लगने वाले कोविशील्ड की है।
बड़ी संख्या में बच्चों का दूसरी डोज नहीं लग पाई
अधिकारियों के मुताबिक राज्य में बच्चों (12 से 14 साल) को पहली डोज तो लग गई है। लेकिन दूसरी डोज लगाने का काम चल रहा था। बीच में ही वैक्सीन खत्म होने की वजह से टीकाकरण बाधित हुआ है। इस समय राज्य के कुल 29.87 लाख बच्चों में से केवल 23.43 लाख बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज लगी है। वहीं 14.96 लाख बच्चे दूसरी डोज लगवा चुके हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में बच्चे अभी भी पहली और दूसरी डोज की वैक्सीन से वंचित हैं।