जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, कुछ दिन पहले काले कपड़े पहनकर कांग्रेसी नेताओं ने महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन किया। सरकार के सभी मंत्री घबरा गए और काले जादू की बात करने लगे। हम बचपन से जादू.टोने के खिलाफ रहे हैं। जादू तो ट्रिक है, जो कि काले जादू से अलग चीज है। वैसे मैं परमानेंट जादूगर हूं, राजस्थान में यह जादू चलता रहता है। उन्होंने प्रदेश की जनता से यह अपील भी की कि अगले विधानसभा चुनाव में उनकी सरकार को फिर से मौका दें।
मैं बचपन से जादू-टोने के खिलाफ
गहलोत ने कांग्रेस के महंगाई के खिलाफ काले कपड़े पहनकर किए गए प्रदर्शन को काला जादू कहने के पीएम मोदी के पर पलटवार करते हुए कहा कि पीएम काले जादू की बातें करने लग गए, काला जादू आ गया है, काला जादू आ गया है। उन्होंने कहा कि हम तो बचपन से ही जादू-टोने के खिलाफ रहे हैं। मैजिक अलग चीज है जिस पर मेरा विश्वास है। वो ट्रिक होती है और ये काला जादू जो होता है। ये जादू तो होता नहीं है।
भाजपा पर साधा निशाना
गहलोत ने राजस्थान में एक दलित बच्चे की कथित हत्या से जुड़े विषय को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, भाजपा-आरएसएस हिंदुओं को एक करने और हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं। दलित वर्ग भी हिंदू, पिछड़े भी हिंदू हैं, सवर्ण भी हिंदू हैं। पहले इन तीनों को तो एक कर दो। इन्हें समानता का अधिकार तो दिला दो, आज भी जाति आधारित भेदभाव होता है।
निहारिका ने दिखाए बागी तेवर
प्रदेश कांग्रेस में गहलोत बनाम पायलट का असर राजस्थान यूनिवर्सिटी चुनावों में भी दिख रहा है। एनएसयूआई ने जब अपना प्रत्याशी घोषित किया तो उसमें पायलट खेमे के मंत्री मुरारी लाल मीणा की बेटी निहारिका का नाम नहीं था। इससे नाराज होकर निहारिका ने भी बागी तेवर दिखाए और निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोंक दी।
एससी एसटी प्रत्याशियों को नहीं मिलता मौका
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से यूनिवर्सिटी में एससी और एसटी समाज के प्रत्याशियों को मौका नहीं मिलता है। एक यह कारण था। इसके साथ ही पापा मिनिस्टर हैं और ऊपरी स्तर पर जो विवाद चल रहा है। मुझे लगता है, उसका नुकसान भी उठाना पड़ा। पापा के मिनिस्टर होने का मुझे न तो फायदा मिला और न ही नुकसान हुआ।