जयपुर। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद स्टूडेंट की चिंता बढ़ गई है। राजस्थान के कई स्टूडेंट इस युद्ध में फंसे हुए है। बचने के लिए वह आस-पास के बंकर तलाश रहे हैं। कई स्टूडेंट को हॉस्टल, होटल और फ्लेट के बंकर में शिफ्ट किया गया। यहां वे मार्शल (यूक्रेन सैनिक) की निगरानी में हैं। इन बंकर में फंसे बीकानेर, नागौर और कोटा के स्टूडेंट ने वहां के हालात बताए। स्टूडेंट ने बताया कि 600 इंडियन स्टूडेंट बंकर में दुबके हैं। रुपए से लेकर खाने-पीने की चीजें खत्म हो चुकी है।
परिवार ने सरकार से मांगी मदद
भारत में मौजूद उनके परिजन लगातार सरकार से अपने बेटे-बेटियों को वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं। उनके परिजनों की आंखों के आंसू सूख नहीं पा रहे हैं। यूक्रेन में कई भारतीय स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं। बाड़मेर शहर के दानजी की होदी के रहने वाले कल्याण ओझा के माता-पिता और दादी काफी चिंतित हैं। कल्याण यूक्रेन के कीव शहर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। यूक्रेन से वह भारत आना चाहता है लेकिन उसे वापसी का कोई तरीका समझ नहीं आ रहा है। ऐसे में परेशान उसकी दादी ने पोते को वापस लाने के लिए सरकार से गुहार लगाई है।
अपार्टमेंट के बेसमेंट में रात गुजारी, एम्बेसी के मैसेज का इंतजार
नागौर के मौलासर क्षेत्र के रजत राठौड़ कीव में एकअपार्टमेंट में रह रहे हैं। रजत ने बताया कि गुरुवार तड़के तेज धमाका हुआ। इसके बाद लगातार धमाके की आवाज आती रही। फ्लेट से बाहर आकर कर देखा तो बाहर भगदड़ मची हुई थी। तभी कुछ लोग बोले कि रशिया ने हमला कर दिया है। कुछ ही देर में एडवाइजरी जारी हो गई। एंबेसी से कॉन्टैक्ट करने की भी कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई। रजत ने बताया कि अपार्टमेंट के ही बंकरनुमा बेसमेंट में बैठा हूं। एम्बेसी के मैसेज का इंतजार है। फोटो-वीडियो शेयर करने के लिए मना कर दिया गया है। यूक्रेनी सैनिक अपनी निगरानी में सिक्योरिटी दे रहे है।
लगातार हो रहे ही सुनाई दे रहे ही है धमाकों की आवाज
मोबिन वर्मा ने बताया कि टैरनोपिल शहर रूस सीमा से लगभग 400 किलोमीटर दूर है, लेकिन उन्हें भी लगातार हो रहे धमाकों की आवाज सुनाई पड़ती है। मोबिन वर्मा ने बताया कि सड़कों पर पुलिस और यूक्रेन सेना के द्वारा मार्च किया जा रहा है और लोगों को आवश्यक वस्तुएं खरीद कर घरों में रहने की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि उनकी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में करीब 300 से ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और अब वह वापस अपने देश लौटना चाहते हैं, लेकिन सभी फ्लाइट कैंसिल होने की वजह से भारतीय छात्र यूक्रेन में ही फंस गए हैं और वे लगातार भारतीय दूतावास से मदद की गुहार कर रहे हैं।