जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर गहलोत सरकार को निशाने पर लिया है। राजे ने शनिवार को एक ट्वीट बयान जारी करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में सामने आई फायरिंग की घटना का ज़िक्र किया और बिगड़ी कानून व्यवस्था के मुद्दे पर चिंत्ता जताई।
प्रदेश में बदमाशों के बुलंद हौंसले, चिंता का विषय
राजे ने अपने बयान में कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर में फायरिंग की घटना राजस्थान में जंगलराज की कहानी को बयान कर रही है। उन्होंने कहा कि जोधपुर में पहले बदमाश आपसी लड़ाई में उलझते हैं और उसके बाद पुलिस टीम तक पर फायरिंग करते हैं। ये बेहद गंभीर विषय है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था का स्तर गिर गया है। यहां बदमाशों के हौंसले बुलंद हैं और उन्हें किसी का भय ही नहीं है। यहाँ तक कि गैंगवार भी चरम पर है।
पुलिस पर फायरिंग
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) धर्मेन्द्रसिंह यादव ने बताया कि हथियार तस्करों के खिलाफ चल रही कार्रवाई के तहत लोरड़ी पण्डितजी गांव में हथियारों की खरीद-फरोख्त होने की सूचना मिली। करवड़ थानाधिकारी भरत रावत के नेतृत्व में पुलिस ने देर शाम वहां दबिश दी और जैसलमेर में सांकड़ा निवासी बाबूसिंह व तैमरसिंह को पकड़ा। दोनों से एक-एक पिस्तौल जब्त हुई। आम्र्स एक्ट में दोनों को गिरफ्तार किया गया। एक अन्य स्थान से दोनों के साथी शिव निवासी मोहनसिंह को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने यह हथियार जूड निवासी अशोक बिश्नोई से सालवा कला से खरीदने की जानकारी। इस पर डांगियावास थानाधिकारी कन्हैयालाल के नेतृत्व में पुलिस ने तलाश शुरू की और सालवा कला गांव में मोटरसाइकिल सवार अशोक को घेर लिया। उसने भागने का प्रयास किया। अशोक ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी।
गंभीर हालत में करवाया अस्पताल में भर्ती
थानाधिकारी कन्हैयालाल ने जवाब में गोली चलाई तो अशोक के पांव में जा लगी। वह मौके पर ही गिर गया। तलाशी लेने पर उसके पास सात हथियार बरामद हुए। लहुलूहान हालत में उसे एमडीएम अस्पताल लाया गया, जहां जांच करने के बाद भर्ती किया गया। डीसीपी धर्मेन्द्रसिंह व अन्य अधिकारी अस्पताल पहुंचे और अशोक के पास पुलिस तैनात की। सहायक पुलिस आयुक्त राजेन्द्र दिवाकर ने सालवा कला में मौका मुआयना कर अशोक की बाइक जब्त की।
हथियार खरीदकर गांव लौट रहे थे आरोपी
करवड़ थानाधिकारी भरत रावत का कहना है कि अशोक बिश्नोई हथियारों की बड़ी खेप लेकर आया था। सांकड़ा निवासी बाबूसिंह व तैमरसिंह अपने साथी मोहनसिंह के साथ हथियार लेने लोरड़ी पण्डितजी आए थे। बस से उतरने के बाद मोहन को वहीं छोड़ दिया। बाबू व तैमरसिंह पैदल ही अशोक के ठिकाने पर पहुंचे, जहां से हथियार लेकर लौट रहे थे। इतने में पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। अशोक बिश्नोई 007 गैंग से जुड़ा है। उसकी लम्बे समय से तलाश चल रही थी।