जयपुर। कोरोना वायरस के बढ़ते हुए मामले को देखते हुए सरकार ने सख्त शुरू कर दी है। प्रदेश की राजधानी जयपुर में मास्क ना पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग ना रखने पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। जयपुर हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम ने गुरुवार को एक ही दिन में मास्क ना पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग ना रखने पर 1825 लोगों के चालान काटे गए। इन लोगों से कुल 8 लाख 54 हजार 300 रुपये का जुर्माना वसूला गया। इसके साथ ही 5 प्रतिष्ठानों को सीज भी किया गया है। इनमें हेरिटेज निगम ने 1 लाख 77 हजार 900 रुपये और ग्रेटर निगम ने 6 लाख 76 हजार 400 रुपयों का जुर्माना वसूल किया है।
चालान-डे चलाया
जयपुर ग्रेटर और हेरिटेज दोनों निगमों ने संयुक्त रूप से गुरुवार को चालान-डे चलाया। इसके लिये बड़ी तादाद में बनाई गई टीमों ने दोनों निगम क्षेत्रों में मास्क नहीं पहनने वालों के खिलाफ सख्ती दिखाते हुये उनके चालान काटे और मास्क वितरित किये। अकेले नगर निगम ग्रेटर इलाके में 1421 लोगों के चालान किये गए हैं। वहीं नगर निगम जयपुर हैरिटेज में 404 लोगों का चालान किया गया।
5 प्रतिष्ठान सीज
इस दौरान 5 प्रतिष्ठान को सीज भी कर दिया गया। मालवीय नगर जोन के गांधी नगर मोड़ स्थित स्पेशल शंकर मिष्ठान भण्डार को शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक के लिये सीज किया गया है। जयसिंहपुरा खोर स्थित बालाजी स्वीट्स एवं कैटर्स और रामगढ़ मोड़ स्थित एमएम खान होटल को कोविड-19 गाइडलाइन का पालन नहीं करने, बिना मास्क ग्राहकों को खाद्य सामग्री बेचने तथा वेटर द्वारा बिना मास्क पहने खाना परोसने के आधार पर कार्यवाई करते हुये सीज किया गया है। दोनों प्रतिष्ठानों द्वारा जुर्माना जमा करवाने पर लगभग 5 घंटे बाद उन्हें सीज मुक्त किया गया।
नियम तोड़ने पर लोगों ने भरा 24 करोड़ का जुर्माना
प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए राजस्थान एपिडेमिक अध्यादेश का उल्लंघन करने पर प्रदेश में अब तक 10 लाख 5 हजार से अधिक व्यक्तियों का चालान किया जा चुका है। पुलिस-प्रशासन सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर अध्यादेश के अन्य नियमों में लापरवाही बरतने पर अब तक 23 करोड़ 52 लाख रुपये से अधिक जुर्माना वसूल कर चुका है। उसके बाद अभी भी सख्ती का दौर जारी है। ये कार्रवाइयां और जुर्माना वसूली तो केवल पुलिस की है। सामान्य प्रशासन और स्थानीय निकायों की कार्रवाइयां और जुर्माना राशि इससे अलग है। हाल में शादियों के दौर में कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर प्रशासन और निगम ने कई कार्रवाइयां कर लाखों का जुर्माना वसूला है।