जयपुर। अशोक गहलोत ने प्रदेश के किसानों को एक बार फिर झटका दिया है। प्रदेश में मूंगफली की सरकारी खरीद पर आशंकाओं के बादल छा गए हैं। नेफेड ने मूंगफली की एमएसपी खरीद में असमर्थता जाहिर कर दी है। राजस्थान राज्य सहकारी क्रय-विक्रय संघ की ओर से आगामी दिनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाने वाली खरीफ फसलों की खरीद के लिए 20 अक्टूबर से शुरू हो रहे पंजीयन में मूंगफली की फसल का पंजीयन स्थगित किया गया है।

पंजीयन आगामी आदेश तक स्थगित
प्रमुख सचिव सहकारिता कुंजीलाल मीणा के मुताबिक नेफेड द्वारा मूंगफली की एमएसपी खरीद में असमर्थता जाहिर करने के बाद मंगलवार से होने वाले मूंगफली खरीद के पंजीयन आगामी आदेश तक स्थगित कर दिए गए हैं। हालांकि मूंग, उड़द और सोयाबीन की खरीद के लिए पंजीयन यथावत रूप से होंगे। नेफेड के मूंगफली खरीद से इनकार करने से विरोधाभासी स्थिति बनती नजर आ रही है। पूर्व में केंद्र द्वारा खरीद की मंजूरी देकर इसके लिए लक्ष्य भी स्वीकृत किए जा चुके थे। अब राज्य सरकार ने किसानों के हित में मूंगफली की खरीद करवाने का फिर से भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से आग्रह किया है।

5275 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया था
राज्य सरकार ने 18 नवंबर से मूंगफली खरीद की तैयारी कर रखी है। मूंगफली के लिए प्रदेश में 266 खरीद केन्द्र चिह्नित किए जा चुके हैं। भारत सरकार द्वारा 3.74 लाख मीट्रिक टन मूंगफली की खरीद के लक्ष्य की स्वीकृति दी गई थी। मूंगफली के लिए 5275 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया था। अगर यह खरीद टलती है तो प्रदेश के किसानों को इसका बड़ा नुकसान होगा।

कपास खरीद के लिए भी पंजीकरण चालू
उधर, जिला मुख्यालय की कृषि उपज मंडी क्षेत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पहली बार हो रही खरीद के तहत पंजीयन का काम गत 16 अक्टूबर से चल रहा है। मंडी सचिव ने बताया कि किसान kumsnagaur.org पोर्टल पर अपने मोबाइल से भी स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं। किसानों से 5725 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से समर्थन मूल्य पर खरीद की जाएगी, इसके लिए कपास में 8-12 प्रतिशत से धिक नमी नहीं होनी चाहिए। पंजीकरण करवाने के बाद खरीद शुरू होने पर किसानों को नजदीकी खरीद केन्द्र पर माल ले जाने के लिए मोबाइल पर मैसेज भेजे जाएंगे।