जयपुर। प्रदेश के कोटा जिले में एक महिला से दुष्कर्म के प्रयास में असफल होने के बाद उसकी हत्याकर पेट चीरकर कपड़े भरने के मामले में कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। साइकाे किलर माेहन सिंह उर्फ महावीर काे पाॅक्साे काेर्ट संख्या-5 ने 9 माह पुराने एक मामले में फांसी की सजा सुनाई है। विशिष्ट न्यायाधीश कैलाशचंद मिश्रा ने रिटायरमेंट के एक दिन पहले शुक्रवार को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस मामले में माेहन ने विज्ञाननगर थाना क्षेत्र में एक महिला की हत्या करने के बाद पेट काे चीरकर कपड़े ठूंस दिए थे।
ऐसे लोगों को समाज में रहने का हक नहीं
विशिष्ट न्यायाधीश कैलाशचंद मिश्रा ने इस मामले में 133 पेज के फैसले में कड़ी टिप्पणी करते हुए लिखा कि आराेपी समाज के लिए स्त्री जाति के लिए चलता-फिरता साइको किलर बन गया है। इसका सभ्य समाज में रहना समाज को कतई मंजूर नहीं हो सकता। माेहन ने 1997 में एक महिला व उसकी बेटी से दुष्कर्म का प्रयास किया था। दाेनाें की हत्या कर शराब की बोतल से शरीर को क्षत-विक्षत कर दिया था। इसके बाद 2003 में महिला को मजदूरी के बहाने कमरे पर ले गया और दुष्कर्म के बाद मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद काेर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
अभियुक्त को धारा-376 के आरोप से किया दोष मुक्त
कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपी मोहन सिंह को धारा 302, 201 और 392 में दोषी माना, जबकि धारा 376 में दोष मुक्त कर दिया। मामले में 20 फरवरी को अंतिम बहस पूरी हो चुकी थी। उसके बाद शुक्रवार को इस मामले में कोर्ट ने अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मामला अत्यंत गंभीर है। ऐसे मामले में आरोपी को फांसी से कम सजा सुनाया जाना न्यायोचित नहीं होगा। इस दौरान अभियुक्त मोहन को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया।
शव तारों से बंधा हुआ था
विशिष्ट लोक अभियोजक सुरेश वर्मा ने बताया की महिला का अर्द्धनग्न शव 24 मई, 2019 को विज्ञान नगर थाना इलाके में सरकारी स्कूल की बाउंड्री पर मिला था। शव तारों से बंधा हुआ और उसको बोरी में बंद किया हुआ था। शव को देखने के बाद प्रथम दृष्टया महिला के साथ रेप की आशंका जताई गई थी। इस पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ रेप और हत्या का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने खोजबीन के बाद हत्या के इस मामले में मोहन सिंह उर्फ महावीर सिंह को गिरफ्तार किया।