जयपुर। सहित्य का महाकुंभ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल Jaipur Literature Festival 2020 (जेएलएफ) में जनसैलाब उमड़ रहा है। साहित्य के इस महाकुंभ की सदाएं सात समंदर पार तक गूंज रही हैं। पूरे भारत के अलग अलग हिस्सों से लेकर विदेशों तक के बुद्धिजीवी यहां पढ़ने, सुनने, जानने और समझने के लिए इकठ्ठा हो रहे हैं। जयपुर के डिग्गी पैलेस होटल में पांच दिवसीय जेएलएफ का आज अंतिम दिन है। जेएलएफ में इस बार देश-दुनिया के 550 वक्ता शामिल हुए। इनमें हर साल की तरह इस बार भी वक्ताओं के तौर पर लेखक, राजनेता, फिल्मी दुनिया से जुड़ी हस्तियां और पत्रकार कला, संविधान, फैशन, राजनीति, अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, करेंट अफेयर्स, लेखन, समाज और जीवित भाषाओं आदि विषयों पर अपनी बात रख रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलेट, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सहित प्रदेश के कई बड़े राजनेताओं ने शिरकत की।
अगर आप काम नहीं करेंगे तो जनता बाहर का रास्ता दिखा देगी : सचिन पायलट
रविवार को जेएलएफ में पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपनी किताब ‘द डेमोक्रेटिक इंडेक्स’ पर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ चर्चा की। इस दौरान सचिन ने कहा कि पिछले 20 सालों से यह सवाल मुझसे हर मंच पर पूछा जाता है। इसलिए मेरे पास इसका जवाब भी तैयार है। क्रिकेट में भी अगर बाप-बेटों की बात करें तो आप वहां भी अच्छे से खेलेंगे नहीं तो आपको क्लीन बोल्ड कर दिया जाएगा। इसी तरह राजनीति में भी अगर आप काम नहीं करेंगे तो आपको जनता बाहर का रास्ता दिखा देगी। एक भी ऐसा नाम नहीं है, जो बिना काम किए अपने स्थान पर टिका रहा हो।
बिना संसाधनों के भी प्रतिभा को पहुंचा सकते है मुकाम पर : दीया कुमारी
जेएलएफ में द स्काईलाइन ऑफ द अरबन फ्यूचर और वी आर द चैम्पियन्स सेशन में सांसद दीया कुमारी ऐसे चार बच्चों के साथ पहुंची, जिन्होने अपनी प्रतिभा के दम पर देश में अपनी अलग जगह बनाई है। अब वो दूसरे बच्चों को प्रेरित कर रहे हैं। इन बच्चों का मानना है कि बिना संसाधनों के भी प्रतिभा को मुकाम पर पहुंचाया जा सकता है।
विरोध करना राज्य का अधिकार : शशि थरूर
फेस्टिवल में सेशन से फ्री होकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर प्रेस कांफ्रेंस के लिए मीडिया के बीच पहुंचे। शशि थरूर ने CAA, NRC पर खुलकर अपनी राय रखी। थरूर ने कहा कि राजस्थान विधानसभा में जो प्रस्ताव पारित किया गया है वो एक तरीका है। केन्द्र सरकार को ये बताने का कि हमारी जनता इस कानून के साथ नहीं है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि ये केन्द्र का कानून है और राज्यों पर लागू होता है। लेकिन विरोध करना राज्य का अधिकार भी है।
विदेशी मीडिया भी कवर कर रही है आयोजन को
रविवार को जेएलएफ में बच्चों, नौजवानों, बुजुर्गों और महिलाओं का तांता लगा रहा. लगभग सभी सेशन में खासी भीड़ नज़र आई। इस पूरे आयोजन को विदेशी मीडिया भी कवर कर रही है। यहां से निकली बातें और सोच दुनिया के अखबारों, मैग्जीन और टीवी की सुर्खिय़ां बन रही हैं।
सीएम अशोक गहलोत ने किया उद्धघान
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) 2020 का गुरुवार को उद्धघान करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि यह ऐसा आयोजन है, जिसका हम साल भर का इंतजार करते हैं ताकि मन की बात कह सकें, लेकिन मन की बात के साथ काम की बात भी होनी चाहिए। इस मौके पर गहलोत ने राजस्थान के प्रसिद्ध लेखक विजयदान देथा की किताब बातां री फुलवारी के अंग्रेजी अनुवाद टाइमलैस टेल्स फ्राम मारवाड का लोकार्पण भी किया था। यह अनुवाद विषेश कोठारी ने किया है।