जयपुर। प्रदेश में हो रही लगातार भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए है जिसके बाद प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन बेपटरी हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में कोई कमी नहीं रहेगी। कोटा, झालावाड़ में हालात विकट हैं तथा यहां सेना, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में लगी हैं। वहीं करौली व धौलपुर में भी हालात नाजुक हैँ। गांधी सागर में लगातार पानी की आवक के बाद चंबल उफान पर आ गई है। कोटा में बाढ़ के बाद अब धौलपुर को भी चपेट में ले लिया है। वहीं, सवाईमाधोपुर में अलर्ट जारी कर दिया है।
हवाई दौरे पर सीएम गहलोत
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार को हाड़ौती के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हेलिकॉफ्टर से हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लेंगे। उनके साथ स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल और आपदा राहत प्रबंधन मंत्री मास्टर भंवरलाल शर्मा भी रहेंगे। सीएम गहलोत के हवाई सर्वेक्षण के तय कार्यक्रम के अनुसार सबसे पहले वे बूंदी जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे करेंगे। इसके बाद कोटा शहर और जिले के प्रभावित क्षेत्र का और फिर झालावाड़ जिले का दौरा किया।
बैराज के 19 गेट खोले, चंबल नदी उफान पर
कोटा बैराज का सोमवार को 19 गेट खोल कर 7 लाख 9 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे चंबल से सटी दर्जनों बस्तियां जलमग्न हैं। उधर करौली में मंडरायल-करणपुर क्षेत्र में चंबल नदी में उफान बरकरार है। यहां करीब एक दर्जन गांव पानी में घिरे हैं। आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों को रेस्क्यू किया गया है। वहीं झालावाड़ में बाढ़ प्रभावित इलाकों में सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं हैं।
400 से अधिक स्कूली बच्चे दो दिन से फंसे
चित्तौड़गढ़ में रविवार सुबह तक 52 इंच से अधिक बारिश हो चुकी थी। लगातार हो रही बारिश से कई इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए। करीब 400 से अधिक स्कूली बच्चे और शिक्षक भी इस दौरान स्कूल से घर नहीं लौट पाए। रावतभाटा उपखंड में भैंसरोडगढ़ इलाके के एक स्कूल में 350 से अधिक छात्र और 50 शिक्षक बीते दो दिन तक वहां फंसे हुए हैं। रविवार रात को भी बच्चों को चाम्बला पुलिस पर पानी की चादर चलने के चलते स्कूल में ही ठहराया गया।