नया मोटर व्हीकल एक्ट 1 सितंबर से प्रभाव में आ चुका है। पहले के मुक़ाबले अब 10 से 20 गुना ज़्यादा तक चालान फीस वसूली जाएगी। ऐसे में आपकी एक भी असावधानी बड़ी आर्थिक दुर्घटना का सबब बन सकती है। एक बार किसी का चालान कट जाए तो माथा पकड़ लेगा। पूरी महीने की सैलरी एक चालान भरने में किनारे लग जाएगी।
ऐसा ही एक आदमी के साथ हो गया। दिल्ली का बंदा अपनी एक्टिवा लेकर निकाला और हरियाणा पहुंचा। 2 सितम्बर को घर लौटा लटके हुए मुंह और 23 हज़ार के चालान के साथ।
शायद पहला इंसान होगा नये मोटर व्हीकल एक्ट में इतने पैसे देने वाला
दिनेश मदान पूर्वी दिल्ली की गीता कॉलोनी में रहते हैं। 2 सितम्बर सोमवार को किसी काम से गुड़गांव गए थे। अपनी एक्टिवा स्कूटी से। जिला अदालत काम्प्लेक्स के सामने उन्होंने अपना हेलमेट उतार दिया। बस फ़िर वहीं खड़े ट्रैफिक पुलिसवालों ने गाड़ी के कागज़ मांग लिए। कागज़ गायब तो एक नया कागज़ बाहर आया। पुलिस चालान और चालान की राशि थी 23 हज़ार।
दिनेश ने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि हालिया इंश्योरेंस में उनकी स्कूटी की कीमत बहुत कम रह गयी है। 15 हज़ार ही और उसके ऊपर 23 हज़ार का चालान लग गया। अब सवाल ये है कि कुल 23 हज़ार का आंकड़ा दिनेश के चालान ने कैसे छुआ? तो देख लीजिए
ड्राइविंग लाइसेंस नहीं – 5 हज़ार
गाड़ी की आरसी नहीं – 5 हज़ार
गाड़ी का इंश्योरेंस नहीं – 2 हज़ार
प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं – 10 हज़ार
और हेलमेट उतारकर रखे थे – 1 हज़ार
बन गया एक हंसता-खिलखिला चालान
लेकिन पुलिस सिर्फ़ चालान काटकर ही नहीं रुकी। पुलिस ने इतना गहरा चालान काट दिया कि गाड़ी भी खड़ी करवा ली। गाड़ी अब कोर्ट से ही छूटेगी। थाने में केस बनेगा। केस कोर्ट में जाएगा और चालान का पैसा और ज़मानत की राशि जमा होंगे कोर्ट में।
Scooty challan @23000 by @gurgaonpolice , Bike challan @22000 by @jhajjarpolice
You need more evidence of new #MotorVehiclesAct2019 ☺️☺️
Follow traffic rules #TrafficRules pic.twitter.com/3VSwnD6X15
— Pankaj Nain IPS (@ipspankajnain) September 3, 2019
स्कूटी पर 23 हज़ार का चालान हुआ था, और हरियाणा के ही झज्झर में बाइक पर भी 22 हज़ार का चालान कट गया। और एक कार्टून चल गया। एक पुलिस वाला पूरे कागजों के साथ गाड़ी चलाते आदमी को हड़काते हुए कह रहा था, “सारे कागज़ लेकर चल रहे हो। अर्थव्यवस्था का ज़रा भी ख़याल नहीं है?”
अब देख की जनता और आम लोग ही चालान नहीं कटवाएंगे तो सरकारी अफसरों और नेताओं का घर कैसे चलेगा भई।