देश में जैतून की खेती करने वाला राजस्थान पहला राज्य हैं। वर्तमान में राजस्थान करीब 400 हैक्टेयर में में जैतून की खेती कर रहा हैं। प्रदेश में इस बार पहले के मुकाबले हुई अच्छी बरसात और अधिक सर्दी की संभावनाओं को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जैतून की खेती पहले की तुलना में कहीं ज्यादा होगी। जैतून की खेती के लिए वसुंधरा सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास अब धरातल पर नजर आ रहे हैं। कहा जा सकता हैं कि मुख्यमंत्री राजे के प्रयासों से ही राजस्थान जैतून के उत्पादन में देश को अपना सर्वश्रेष्ठ देने जा रहा हैं। राजस्थान देश का पहला राज्य है जो जैतून के तेल का उत्पान कर रहा हैं। फिलहाल देश में जैतून के उत्पादनों को शत-प्रतिशत आयात ही किया जा रहा हैं।
राजस्थान सरकार के प्रयासों से हुई जैतून की खेती
राजस्थान सरकार के प्रयासों से जैतून की खेती में प्रदेश के किसानों को अप्रत्याशित सफलता मिली हैं। इस बार बारिश और सर्दी की संभावनाओं के मद्देनजर जैतून की फ्लॉवरिंग व फ्रूटिंग अच्छी होने की उम्मीद लगाई जा रही हैं। राजस्थान में जैतून की खेती के लिए बीकानेर सर्वाधिक उपयुक्त क्षेत्र हैं। बीकानेर का तापमान जैतून की खेती के लिए सर्वोतम माना जाता हैं यहां अधिकतम तापमान 48 डिग्री तथा न्युनतम तापमान 0 डिग्री रहता हैं।
राज्य सरकार के तीन फार्मों में हो रही है जैतून की खेती
जैतून में फ्रुटिंग एक साल में एक बार आती हैं। जैतून की खेती के लिए बीकानेर के दोनों तापमान उत्तम माने जाते हैं। राज्य सरकार के जैतून के फार्मों में सात साल व काश्तकारों के फार्मों में तीन साल से जैतून की खेती की जा रही हैं। इन खेतों से मिलने वाले जैतून के फ्रुट्स और फ्लॉलर्स का इस्तेमाल लूणकरणसर में राज्य सरकार द्वारा स्थापित तेल रिफायनरी में तेल उत्पादन किया जाता हैं।
लूणकरणसर में 4 करोड़ की लागत से बना तेल संयंत्र
बीकानेर के लूणकरणसर में 30 हैक्टेयर, कोलायत में 12.5 हैक्टेयर, महाजन के पूनरासर में 6 हैक्टेयर में इस बार जैतून की खेती की गई हैं। राज्य सरकार ने लूणकरणसर में 4 करोड़ की लागत से जैतून का तेन निकालने का संयत्र स्थापित किया हैं। हालांकि इस संयंत्र के मुताबिक अभी तक प्रदेश में जैतून का उत्पादन नही हो पाया हैं। प्रदेश में जैतून का उत्पादन राज्य सरकार के तेल संयंत्र की क्षमता से कम हैं।
जैतून का तेल औषधीय गुणवत्ता वाला
जैतून का तेल औषधीय गुणवत्ता वाला तेल हैं। इस तेल का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक औषधी में किया जाता हैं। जैतून मानव शरीर के कई रोगों के लिए रोगनाशक का कार्य भी करता हैं तथा जैतून का तेल मानव ह्रदय के लिए अतिउत्तम हैं। ह्रदय रोगियों के लिए जैतून का तेल सर्वोतम औषधी के रूप में जाना जाता हैं। अभी तक भारत जैतून के उत्पादनों का शत-प्रतिशत आयात ही करता हैं।
इस बार प्रदेश में बेहतर होगी जैतून की खेती
प्रदेश में जैतून की खेती बीकानेर के अलावा श्रीगंगानगर में बरोर, नागौर के बकालिया और अलवर जिले में की जाती हैं। इन जिलों के पारिस्थितिकी तंत्र जैतून की खेती के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। इस वर्ष जैतून की उद्यान में पादप अच्छी लगी हैं। अच्छी बारिश और ज्यादा सर्दी होने की संभावना के चलते जैतून की खेती की संभावना भी बेहतर बताई जा रही हैं । इस बार प्रदेश में जैतून के लिए की आशाएं जगी हैं और प्रदेश के किसान भी जैतून की खेती के लिए आगे आ रहे हैं।