राजधानी जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास के पास बुधवार को एक किसान ने आत्महत्या की कोशिश कर सरकार से नाराजगी को जाहिर कर दिया है। घटना के बाद पुलिस के आला अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने आए किसान ने आवास से कुछ ही दूरी पर स्वयं पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़क कर आत्मदाह की कोशिश की। हालांकि, सीएम आवास पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसान के पास पहुंचकर कुछ देर की मशक्कत के बाद आग पर काबू तो पाया लिया लेकिन, इसमें किसान काफी जल गया। किसान को एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया है जहां उसका इलाज जारी है, और किसान की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
आत्मदाह का प्रयास करने वाला किसान भगवान सिंह अलवर के तिजारा के पास ईसरोदा का रहने वाला है। भगवान सिंह का खेत में पानी की सिंचाई को लेकर पड़ोसी के साथ कुछ विवाद चल रहा है जिसे सुलझाने को लेकर भगवान सिंह ने सरपंच से लेकर कलेक्टर तक गुहार लगाई लेकिन, नतीजा सिर्फ सिफर ही रहा है। जिसके बाद सभी जगह से थक हार कर भगवान अपनी समस्या को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन देने के लिए जयपुर आया था। उसके बाद आत्मदाह की कोशिश क्यों की गई इसे लेकर सीएमआर पर मौजूद पुलिसकर्मी और आईबी के अधिकारी भी इस पर कुछ बोलने से परहेज कर रहे हैं। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार किसान भगवान की सीएम आवास पर भी सुनवाई नहीं होने के बाद उसने आत्मदाह का प्रयास किया है।
सूबे के मुख्यमंत्री आवास के बाहर इस तरह की घटना के बाद से ही वो सभी सरकारी दावें फेल होते नजर आए, जिनमें कहा जा रहा है कि प्रदेश का किसान कांग्रेस सरकार से खुश है। वहीं, सोशल मीडिया पर इस घटना के बाद जनता गहलोत सरकार से सवालों के साथ व्यंग्य भी कर रही है। कुछ लोग कह रहे हैं कि ये तो सरकार से खुश जनमानस की सिर्फ बानगीभर है। वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि अभी तो सरकारी सुशासन के मात्र दो माह ही पूरे हुए हैं। अभी तो आगे आगे देखिए होता है क्या!
गौरतलब है कि 2013 में भी जब गहलोत मुख्यमंत्री थे, तब भी एक महिला ने अपनी समस्या की सुनवाई और समाधान नहीं होने के चलते आत्मदाह का प्रयास किया था। और अब 2019 में गहलोत सरकार बनने के दो माह बाद ही इस तरह की घटना ने खोखलें सरकारी दावों की पोल खोलकर रख दी है।