हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों से पहले तक अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुज़र रही कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने के लिए जनता से बड़े-बड़े वादे किए। उनमें से ही एक है किसानों की कर्जमाफ़ी। वजह साफ है, कृषि प्रधान भारत की लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि और पशुपालन से जुड़ी हुयी है। ऐसे में कांग्रेस ने कर्जमाफ़ी को अपना प्रमुख हथियार बनाया और किसानों का पूर्ण कर्ज माफ करने का ऐलान किया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने लगभग अपनी हर चुनावी सभा में किसानों के प्रति झूठी हमदर्दी दिखाई और कर्ज माफी की बात दोहराई। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनती है तो मात्र 10 दिनों में सभी किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ कर दिया जाएगा। कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में भी किसानों की ऋण माफी को शामिल किया। इससे किसान भावनात्मक रुप से कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनाव में जुड़े। इसका फायदा उठाते हुए कांग्रेस पांच राज्यों के हालिया विधानसभा चुनाव में से तीन में अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही। बदले में किसानों को कांग्रेस से मिला सिर्फ छलावा।
विधानसभा में किसान कर्ज माफी के मुद्दे पर जमकर हुआ हंगामा
15वीं विधानसभा के प्रथम सत्र में शुक्रवार को किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों ने अब तक कर्जमाफ नहीं किए जाने के मुद्दे पर वेल में आकर हंगामा और नारेबाजी की। हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। बाद में गतिरोध समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में बैठक हुई। इसके बाद सदन की कार्यवाही फिर से चल सकी। नेता प्रतिपक्ष गुलाबंचद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी कांग्रेस सरकार की कर्जमाफी पर सवाल उठाए। कटारिया ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने 10 दिन में कर्जा माफ करने घोषणा की थी, लेकिन आज एक महीने से भी अधिक समय बीत चुका है। लेकिन अभी तक गहलोत सरकार ने राज्य के किसानों का कर्जमाफ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सरकार स्पष्ट करे कि अब तक किसानों का कर्जा माफ क्यों नहीं किया गया ? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कर्ज माफी को लेकर कांग्रेस सरकार ने जो आदेश निकाला है यह आदेश ही लंगड़ा है।
READ MORE: राजस्थान: कांग्रेस विधायक पर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश, जानें पूरी कहानी
कटारिया का सरकार से सवाल, केन्द्र से पैसा मिलने पर ही कर्जमाफी की जाएगी ?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसान ऋण माफ़ी पर हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि संपूर्ण कर्ज माफ करना राज्यों के स्तर पर संभव नहीं हो पाएगा। इसीलिए मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर केन्द्र सरकार से पूरे देश में किसानों का संपूर्ण ऋण माफ करने की मांग की है। ऐसे में जब कांग्रेस किसानों का संपूर्ण कर्जमाफ नहीं कर सकती है तो उन्हें कर्जमाफी के सपने क्यों दिखाए गए। सिर्फ वोट बटोरने के लिए, इस्तेमाल करने के लिए, राजनीतिक फायदे के लिए। इस बात का जवाब कांग्रेस के पास नहीं है। कांग्रेस ने किसानों से वादे कर वोट तो बटोर लिए लेकिन ये क्यूं भूल रही है कि सामने लोकसभा चुनाव है। कांग्रेस की इस वादाखिलाफी के बाद किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने फिर सवाल उठाते हुए गहलोत सरकार से पूछा कि क्या केन्द्र से पैसा मिलने पर ही किसानों की कर्ज माफी की जाएगी ?