राजस्थान की पंद्रहवीं विधानसभा का पहला सत्र और पहले सत्र का चौथा दिन। कांग्रेस सरकार की हक़ीक़त सामने आ गयी। ये बात तो पहले से ही तय थी, कि कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनावों में किये गए वादे ही कांग्रेस की गले की फांस बन जायेंगे। लेकिन जिस बहुमत के साथ कांग्रेस सरकार बनाने की बात करती थी वो भी नहीं मिल पाया। जिसकी वजह से राजस्थान में कांग्रेस को लंगड़ी सरकार बनानी पड़ी। क्योंकि कांग्रेस को पास 200 विधानसभा सीटों में से 99 सीटें ही मिल पायी थी। जबकि बहुमत के लिए 101 सीटों का शगुन चाहिए होता है। ऐसे में कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बगले झांकना पड़ा था। फिर कांग्रेस पर तरस खाकर बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने अपना समर्थन देने की बात कही। तब जाकर कहीं कांग्रेस अपनी सरकार बना पायी थी। वहां भी कांग्रेस पर दबाव बनाया गया कि यदि कांग्रेस सरकार ने समर्थन देने वाले दलों की मांग पूरी नहीं की तो वे समर्थन वापिस ले लेंगे। फिर मजबूर होकर कांग्रेस को उनकी सभी मांगों को पूरा करना पड़ा था।
उनकी तो हो गयी जनता की मांगे कब पूरी होंगी :
कांग्रेस ने अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए सपा-बसपा की मांगों को तो तुरंत पूरा कर दिया। मगर जो वादे कर, कांग्रेस ने जनता से वोट मांगे थे। उन्हें कब पूरा किया जायेगा? जनता ने तो कांग्रेस से कोई मांग नहीं की थी, मगर कांग्रेस ने स्वयं ही दातार बनकर जनता से बड़े-बड़े वादे तो कर दिये, अब पूरे करने में पसीने छूट रहे हैं। कांग्रेस ने चुनावों से पहले सबसे बड़ा वादा किया था कि “अगर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनती है, तो मात्र दस दिनों में किसानों के सभी क़र्ज़ माफ़ कर दिए जायेंगे।” मगर 10 दिन तो दूर यहां तो एक महीना निकल गया सरकार बने हुए। मगर ना तो किसानों का क़र्ज़ माफ़ हुआ और ना ही कांग्रेस ने अभी तक कोई समय सीमा तय की। कब किया जायेगा? कितना किया जायेगा? कांग्रेस सरकार कुछ भी स्पष्ट करने को तैयार नहीं है। इसी बात को लेकर आज विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ। जिसमे नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी सरकार को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसान कर्जमाफ़ी को लेकर लंगड़ा आदेश दिया है। तो वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा की सरकार का आदेश लंगड़ा नहीं, ऐसी बातें करने वालों की सोच ही लंगड़ी है।
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ZEE Rajasthan News यांनी वर पोस्ट केले शुक्रवार, १८ जानेवारी, २०१९
लेकिन क्या कांग्रेस सरकार से अपने हक़ों के लिए भी लड़ना पड़ेगा :
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार के ख़िलाफ़ आवाज उठाने वालों की सोच को लंगड़ा बताया। लेकिन जनता को तो पूरी की पूरी सरकार ही लंगड़ी दिखाई दे रही है। तभी तो मात्र एक महीने में ही प्रदेश के हर वर्ग ने कांग्रेस सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। राज्य के किसानों ने सरकार पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। तो चुनावों से पहले युवाओं की अखंड परवाह करने वाली कांग्रेस के विरुद्ध युवाओं ने ही धरने और हड़ताल करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस सरकार रोज़गार के नए अवसर और भर्तियां तो कहां से निकलेगी अपितु जो भर्तियां भाजपा की वसुंधरा सरकार निकाल कर गयी थी। उनको भी रोककर बैठी है। चुनावों से पहले कांग्रेस ने राजस्थान शिक्षक भर्ती, रीट लेवल प्रथम पर रोक लगवा दी थी और अब सरकार बनाने के बाद भी उस भर्ती पर अपने लोगों द्वारा ही लगायी रोक को हटा नहीं पा रही है। वहीं दूसर ओर ढाई सालों से अटकी पड़ी RAS भर्ती को लेकर भी नयी सरकार ने मात्र आश्वासन देकर ही चयनित अभ्यर्थियों को राजी कर दिया। 15 महीनों ने नौकरी की नियुक्ति के इंतज़ार में बैठे होनहार छात्रों को कब तक समाधान मिल पायेगा अब तक इसकी कोई तारीख़ तय नहीं की जा सकी है।
#अजमेर : #RAS मुख्य परीक्षा 2018 की परीक्षा तिथि को आगे बढाने की मांग का मामला
सोमवार को बढ़ सकती है RAS मुख्य परीक्षा की तिथि,
सरकार का पत्र #RPSC को हुआ प्राप्त,
फुल कमिशन की बैठक में होगा निर्णय।@RajCMO @RajGovOfficial @jaipur_police @Ajmer_Police pic.twitter.com/3LQCYHmQDA— Zee Rajasthan News (@zeerajasthan_) January 18, 2019
आश्वासन के चक्कर में तो 40 लोगों की मौत हो चुकी है :
सरकार ने प्रदेश के किसानों और बेरोजगारों से जो वादे किये उन्हें पूरा करने के आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। सरकार इनके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है। लेकिन क्या सिर्फ़ आश्वासन देने मात्र से ही जनता की परेशानियां दूर हो जायेगी? क्योंकि जो कांग्रेस भाजपा सरकार पर प्रदेश में स्वाइन फ़्लू हो जाने पर नाकामी के आरोप लगाती थी, अब उसी कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मात्र 16 दिनों में ही स्वाइन फ़्लू की चपेट में आ जाने से लगभग 45 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, और गहलोत सरकार के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा जी अभी तक बचाव और सुरक्षा हिदायतें ही देते नज़र आ रहे हैं। सिर्फ़ हिदायतें देने से कुछ नहीं होगा साहब, व्यवस्था नाम की भी कोई चीज़ होती है। उन्हें दुरुस्त कीजिये बीमारी अपने आप ख़त्म हो जाएगी। मगर कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के पास व्यवस्थाएं संभालने का समय कहां? मंत्रीजी तो लगे पड़े हैं… लोकसभा चुनावों की तैयारियों में। अब राहुल गांधी ने राज्य की सत्ता हाथ में दी है तो एहसान तो चुकाएंगे ही न। तो बस इसी उधेड़-बुन में मंत्रीगण जनता को बगल में रख कर पहल राहुल बाबा की नौकरी की चिंता में लगे पड़े हैं।
#जयपुर : प्रदेश में #स्वाईन_फ्लू से अब तक 43 मौत
1 हजार 99 पाए गए पॉजिटिव।#जैसलमेर, जोधपुर में हुई 1-1 मौत#जोधपुर में सबसे अधिक 17 मौत।@RaghusharmaINC pic.twitter.com/8tUjWh9h7K
— Zee Rajasthan News (@zeerajasthan_) January 18, 2019
जनता को प्रदेश की चिंता तो कांग्रेस को राहुल गांधी की :
अब जब कांग्रेस के सभी मंत्री जी राजस्थान की जनता की समस्याओं को छोड़कर लोकसभा चुनावों की चिंता में रात-दिन खपे जा रहे हैं तो ऐसे में राजस्थान की जनता को भी चिंता होने लगी है। जनता सोच रही होगी कि ये हमने क्या कर दिया? किसकी सरकार बना दी? अगर ये सरकार गांधी परिवार की चिंता करेगी तो राजस्थान के लगभग 5 करोड़ परिवारों की चिंता कौन करेगा? राजस्थान की के युवाओं, कर्मचारियों, किसानों, छात्रों और उद्यमियों की चिंता कौन करेगा। कौन संभालेगा राजस्थान की शासन व्यवस्था?
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Author : Mahendra