राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से कड़ाके की ठंड जारी है। प्रदेश के सीकर जिले के फतेहपुर और सिरोही जिले के माउंट आबू में पारा माइनस में बढ़ता जा रहा है। तेज सर्दी के कारण प्रदेश में खेतों और घास पर बर्फ जमने लगी हैं। शेखावटी सहित कई इलाकों में पाला पड़ने की भी संभावना है। प्रदेश के फतेहपुर में पारा सबसे निचले स्तर माइनस 3.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। यहां लगातार पांचवें दिन पारा माइनस में रहा है। इसके अलावा माउंट आबू में 0.4, चूरू में 0.7 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। इधर, राजधानी जयपुर में सर्दी का रिकॉर्ड टूटा है। जयपुर में पारा अब तक के सबसे निचले स्तर 7.3° पर पहुंच गया है। यहां न्यूनतम तापमान एक ही रात में 3 डिग्री गिरकर 7.3 डिग्री सेल्सियस रहा। यह दिसम्बर में पड़ने वाली सर्दी में बीते तीन साल के सबसे निचले स्तर पर है। बता दें, दिसम्बर 2015 में जयपुर का न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि 2016 में 8.5 और 2017 में 8.0 डिग्री सेल्सियस रहा था।
प्रदेशभर में 1 से 4 डिग्री सेल्सियस तक पारा गिरा, माउंट आबू तापमान 0 डिग्री दर्ज
राजस्थान की इकलौती पर्वतीय पर्यटन नगरी माउंट आबू में पारा जमाव बिंदु से भी नीचे पहुंच गया। माउंट आबू में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। शहर के कई इलाकों में बर्फ जमना शुरू हो गई है। इस कड़ाके की ठंड के बाद यहां पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा प्रदेशभर के अलग-अलग हिस्सों में कम से कम 1 से 4 डिग्री तक पारा गिरा। जिसमें चूरू में 0.7 डिग्री, भीलवाड़ा में 1 डिग्री, सीकर में 2 डिग्री, पिलानी में 2.5 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं चित्तौड़गढ़ में पारा 4.2 डिग्री तक गिरा। उदयपुर और सरहदी जिला बीकानेर में तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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मौसम विभाग के अनुसार, कई जिलों में शीतलहर चलने की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, श्रीगंगानगर में पारा 4.7, जैसलमेर में 6.2, सवाई- माधोपुर में 6.8, अजमेर में 6.9, कोटा में 7.2, जयपुर में 7.3, अलवर में 7.5, जोधपुर में 8.2, बाड़मेर में 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 18.5 से 24.9 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया गया है। मौसम विभाग की मानें तो अगले 24 घंटे में सीकर, झुंझुनू, श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ में शीतलहर चलने की संभावना है। तेज सर्दी के चलते प्रदेश के सरहदी इलाकों में पहले से ही शीतलहर चल रही है। इससे आम आदमी का जीवन प्रभावित हो रहा है।