7 दिसंबर को राजस्थान में विधानसभा चुनाव – 2018 को लेकर प्रदेश की 199 सीटों पर मतदान सम्पन्न हुआ। अब 11 दिसंबर को आने वाले चुनाव नतीजों का इंतजार उम्मीदवारों व आमजन दोनों को हैं। राजस्थान सहित मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिज़ोरम में सत्ता की बागडोर किसके हाथों में होगी, उसकी तस्वीर भी 11 दिसंबर को स्पष्ट हो जाएगी। तमाम सर्वेक्षण एजेंसियों व न्यूज चैनलों के एग्जिट पोल में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है।
कुछ एग्जिट पोल्स के मुताबिक राजस्थान में कांग्रेस की जीत का दावा करने पर भी उनके खुद के नेताओं को भरोसा नहीं हो रहा है। इसी के परिणामस्वरूप कांग्रेस को हार का ऐसा डर सता रहा है कि वे स्वयं मतगणना स्थलों की निगरानी कर रहे हैं। देश में पिछले कई चुनावों की तरह इस बार भी ईवीएम में सेंधमारी का बहाना लेकर कई कांग्रेसी नेता मतगणना स्थल के बाहर डेरा डाले हुए हैं तो कई सीसीटीवी कैमरों के जरिए पल-पल की जानकारी लेने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस आलाकमान के निर्देशों के बाद ज्यादातर उम्मीदवारों के समर्थक ईवीएम स्थलों पर पुलिस के साथ पहरा दे रहे हैं। भले ही कांग्रेस एग्जिट पोल्स से खुश नजर आ रही हो लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल विपरीत है।
अगर हम अतीत के एग्जिट पोल्स पर नजर डालेंगे तो स्पष्ट है कि यह अनुमान कई बार गलत साबित हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी एग्जिट पोल्स को नजरअंदाज कर एक बार फिर से जीत के लिए आश्वस्त दिख रही है। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भाजपा मुख्यालय में आयोजित बैठक में शामिल होने के बाद मीडिया को बताया कि बीजेपी राज्य में फिर से सरकार बनाएगी और इस बारे में किसी भी कार्यकर्ता को चिंता करने की जरूरत नहीं है। राजस्थान की सत्ता के सिंहासन पर कौन विराजमान होगा, अब इसका पता 11 दिसंबर को चलेगा।