राजस्थान में बायोफ्यूल की बिक्री से जुड़े मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट ने अहम फैसला देते हुए बिना परमिट बायोडीज़ल बेचने पर रोक लगा दी है। अब प्रदेश में बिना परमिट बायोफ्यूल बेचे जाने की इजाजत नहीं होगी। हाईकोर्ट के इस फैसले से बॉर्डर एरिया में बायोडीजल के नाम पर बिक रहे मिलावटी डीज़ल की बिक्री पर निश्चित रोक लगेगी। इससे पहले हाईकोर्ट चीफ जस्टिस प्रदीप नंद्राजोग की खंडपीठ ने पूर्व में एकलपीठ द्वारा दिए गए उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें बिना परमिट रिटेल में बायोडीज़ल बेचने की छूट दी गई थी। साथ ही प्रदेश में बिना परमिट बायोडीज़ल बेचने पर रोक लगा दी।
चीफ जस्टिस प्रदीप नंद्राजोग की खंडपीठ ने पूर्व में एकलपीठ द्वारा दिए गए उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें बिना परमिट रिटेल में बायोडीज़ल बेचने की छूट दी गई थी।
दरअसल साल 2015 में भारत सरकार ने एक नोटिफिकेशन के जरिए केवल बल्क कंज्युमर्स को बायोडीज़ल बेचे जाने की इजाजत दी थी। लेकिन साल 2017 में आए एक नोटिफिकेशन के जरिए रिटेल में भी बायोडीज़ल बेचने की अनुमति दे दी गई थी। हालांकि इस अनुमति के साथ ही मानक स्तर जैसी कुछ शर्तें भी लगाई गई थी। लेकिन कुछ लोगों ने इस नोटिफिकेशन की आड़ में सस्ती दर पर मिलावटी डीज़ल बेचना शुरू कर दिया था, जिससे बायोफ्यूल ऑथोरिटी को तो नुकसान हो ही रहा था, लोगों के वाहनों को भी नुकसान हो रहा था। एकलपीठ के आदेश को बायोफ्यूल प्राधिकरण द्वारा खण्डपीठ में चुनौती दी गई थी, जिस पर हाईकोर्ट का अहम फैसला दिया है।
Read more: राजस्थान में 25.50 लाख को मिला भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ, 1800 करोड़ के क्लेम पास