जोधपुर के पीपाड़ में राजस्थान गौरव यात्रा के दौरान पत्थरबाजी की घटना के बाद सियासी बयानबाजी तेज हुई। कांग्रेस ने इसे भाजपा की चुनावी रणनीति कहा तो भाजपा ने इसे अशोक गहलोत की सोची-समझी रणनीति बताया। पत्थरबाजी के बाद बयानबाजी की ऐसी बयार चलीं कि कांग्रेसी सब कुछ भूलकर खूब बोलें। लेकिन इन सबके बीच जो तथ्य निकलकर आए उसने ये साफ कर दिया कि सीएम वसुंधरा राजे के काफिले पर पत्थरबाजी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने ही की थी।
सीएम राजे का हर 200 मीटर पर जोरदार स्वागत देखकर बौखला गई है कांग्रेस
अशोक परनामी ने सोमवार को प्रेसवार्ता कर इसका खुलासा किया। प्रेसवार्ता के दौरान मीडिया को पीपाड़ में हुई पत्थरबाजी का वीडियो दिखाया गया, जिसमें पत्थर फेंकने की बात स्पष्ट सुनाई देती है। प्रेसवार्ता के दौरान परनामी ने कांग्रेस और गहलोत को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, गहलोत जी कह रहे थे कि वसुंधरा जी की इतनी हिम्मत कैसी हुई कि कह रही हैं ये मेरे इशारे पर हुआ। तो गहलोत की जानकारी के लिए बता दूं। इससे पहले भी वसुंधरा जी की परिवर्तन यात्रा के दौरान भी जोधपुर में ही हमला हुआ था। कांग्रेस जो भद्दी और गंदी राजनीति कर रही हैं उससे कुछ हासिल नहीं होगा। उदयपुर संभाग में कही विरोध नहीं हुआ, जैसलमेर में विरोध नहीं हुआ, हर 200 मीटर पर सीएम का जोरदार स्वागत हुआ। शायद जनता का अपार जनसमर्थन और प्यार देखकर कांग्रेस बौखला गई हैं जिसका साफ असर अब नजर आने लगा है।
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वीडियो के खुलासे के बाद कांग्रेसी मौन हो गए हैं, होना भी लाजमी है। लेकिन इतना हो जाने के बाद भी ये सुधरेंगे या नहीं ये तो वक्त बताएगा। लेकिन राजस्थान की राजनीति में इस तरह का कृत्य अपने आप में निंदनीय और शर्मनाक है। राजनीति में प्रतिस्पर्धा होती है लेकिन इस तरह की ओछी राजनीति की जगह राजनीति में न पहले थी न कभी होगी।