गरीब, असहाय, अल्प आय और बीपीएल परिवारों की बेटियों की शादी अच्छे से संपन्न हो, इसके लिए राजस्थान सरकार ने कन्या शादी सहयोग योजना आरंभ की थी। योजना की शुरूआत 2012 में हुई थी। योजना के तहत गरीब परिवारों की प्रथम 2 कन्या संतानों के विवाह के लिए सरकार की ओर से अनुदान राशि प्रदान की जाती है ताकि गरीब परिवार अपनी बेटियों की शादी धूमधाम से कर सकें। लेकिन यह राशि पहली 2 कन्याओं के विवाह के लिए ही दी जाएगी। उसके बाद में योजना का लाभ देय नहीं होगा।
क्या है कन्या शादी सहयोग योजना के लक्ष्य
बाल विवाह रोकने और गरीब परिवार की महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए राजस्थान सरकार ने यह योजना शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य राज्य में गरीब और आर्थिक स्थिति से पीड़ित परिवार को शादी के लिए सहायता देना है। राजस्थान में जो आर्थिक रूप से पिछड़े हुए है जो आर्थिक तंगी की वजह से अपनी लड़कियों का शादी नहीं कर पाते है, उनके लिए राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित सहयोग एवं उपहार योजना के तहत सहायता प्रदान की जाती है।
क्या है योजना की पात्रता
- यह योजना केवल गरीब वर्ग यथा अल्प आय, असहाय, अनुसूचित जाति और बीपीएल परिवारों के लिए है।
- योजना का लाभ केवल परिवार की प्रथम 2 कन्या सन्तानों के विवाह के लिए ही देय होगा।
- राजस्थान का मूलनिवासी होना जरूरी है।
- लड़की की आयु 18 वर्ष होना आवश्यक है।
- सरकारी नौकरी वाला परिवार योजना के लिए आवेदन नहीं कर सकता।
- विवाह के 1 महीने पहले और 6 महीने बाद तक आवेदन स्वीकार होगा।
कन्या शादी सहयोग योजना के तहत मिलने वाली राशि
- 18 वर्ष के बाद: 20 हजार रुपए
- दसवीं पास: 30 हजार रुपए
- स्नातक पास: 40 हजार रुपए
आवश्यक दस्तावेज
- आय प्रमाण
- बीपीएल/अनुसूचित जाति/जनजाति का प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- भामाशाह कार्ड
- बैंक अकाउंट के साथ बैंक डायरी
कैसे करें आवेदन
कन्या शादी सहयोग योजना के अंतर्गत अनुदान राशि प्राप्त करने हेतु निर्धारित आवेदक, आवेदन पत्र भरकर संबंधित जिले के जिलाधिकारी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद विभाग के अधिकारी नियमों में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार आवेदन स्वीकृत कर भुगतान की व्यवस्था करेंगे।
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