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माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लॉन्च की गई अटल पेंशन योजना (APY) असंगठित क्षेत्र यानि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों और मजदूरों को जीवनभर पेंशन का लाभ देने के लिए शुरू की गई है। इस योजना की शुरूआत प्रधानमंत्री मोदी ने 9 मई, 2015 को की थी और एक जून, 2015 से इसे व्यवहार में लाया गया था। इस योजना में शामिल होने वाले व्यक्ति या उनकी पत्नी जीवन पर्यन्त सरकारी कर्मचारी की तरह मासिक पेंशन पाने के हकदार होते हैं। इस योजना में 60 साल की आयु पूर्ण करने के बाद से लेकर मृत्यु होने तक एक हजार से लेकर 5 हजार रूपए प्रति माह की पेंशन मिलेगी। इस योजना का प्रीमियम और भुगतान दोनों ही बैंकों के माध्यम से होने की वजह से पूरी तरह सुरक्षित है।

अटल पेंशन योजना की 10 विशेषताएं

1. इस स्कीम की सबसे खास बात है कि यह योजना सरकार की ओर से जारी की गई है इसलि इसकी गारंटी भी सरकार की है।

2. अटल पेंशन योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह स्कीम योजनाधारक की मृत्यु के बाद भी चालू रहती है। अगर किसी कारणवश निवेशक की मृत्यु हो जाती है तो 60 वर्ष की आयु पर जो भी राशि पेंशन फंड में होती है, उसे निवेशक और पत्नी/पति की मृत्यु के बाद यह राशि नॉमिनी को दे दी जाती है।

3. अगर निवेशक पति है तो पति की मृत्यु के बाद पत्नी चाहे तो यह स्कीम जारी रख सकती है और निर्धारित समयावधि पूर्ण होने के बाद योजना का लाभ उठा सकती है।

4. आप न्यूनतम प्रीमियम के अनुसार पेंशन पा सकते हैं। पेंशन की राशि एक हजार से शुरू होती है जो अधिकतम पांच हजार तक हो सकती है। प्रीमियम भी इसके अनुसार कम से ज्यादा होता है। कहने का मतलब है कि अटल पेंशन योजना में पेंशन एक हजार, दो हजार, तीन हजार, चार हजार और पांच हजार की राशि में प्रतिमाह प्राप्त होती है।

5. इस योजना के लिए राशि सालाना, छमाही, त्रैमासिक या फिर मासिक दी जा सकती है। अटल पेंशन योजना के अंतर्गत आपको कितनी पेंशन मिलेगी यह बात आपकी योगदान राशि और योजना में प्रवेश की आयु पर निर्भर करती है।

6. इस योजना का एक और लाभ है कि 60 वर्ष की आयु से पहले निधन या किसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए अटल पेंशन योजना खाता बंद किया जा सकता है। यह बीमारियां हैं – कैंसर, किडनी का फेल होना, दिल की गंभीर बीमारी आदि।

7. योजना में खाताधारक को पैसा जमा करने पर टैक्स में भी छूट मिलती है। अटल पेंशन योजना में निवेश के लिए धारा 80 सीसीडी (1) और धारा 80 सीसीडी (1 बी) के तहत टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं।

8. अटल पेंशन योजना में इस बात का प्रावधान है कि आप पेंशन जमा करने की राशि कभी भी बदल सकते हैं। यह काम वर्ष में एक बार अप्रैल के महीने में किया जा सकता है। उसी के हिसाब से पेंशन राशि तय हो जाती है। पेंशन राशि में वृद्धि के लिए, निवेशक (अभिदाता) को योगदान के अंतर राशि का भुगतान करना होगा। साथ की भुगतान पर 8 प्रतिशत मासिक चक्रवृद्धि ब्याज भी जमा करना होगा। पेंशन राशि में कटौती के मामले में, ग्राहक को योगदान की अतिरिक्त राशि वापस कर दी जाती है।

9. इस योजना में आॅटो डेबिट की सुविधा भी उपलब्ध है। इसे आप किसी भी सरकारी बैंक में जाकर या फिर नेट बैंकिंग के जरिए भी शुरू करा सकते हैं। आजकल प्राइवेट बैंक भी इस योजना से जुड़ गए हैं।

10. अगर किसी कारणवश बैंक में पैसा न हो और किश्त न कटा हो तो इसे अगले महीने दो किश्तों के साथ काट लिया जाता है। हालांकि विलंब शुल्क देय है। यह 5 रूपए प्रति 100 रूपए के हिसाब से चार्ज किया जाएगा।

कैसे शुरू कर सकते हैं अटल पेंशन योजना

बैंक में जाकर अटल पेंशन योजना का फार्म भरकर जमा करा सकते हैं। प्राइवेट बैंक में भी यह योजना शुरू कर दी गई है। प्रीमियम की अवधि मासिक, त्रमासिक, छमाही या सालाना हो सकती है। नेटबैंकिंग के जरिए सीधे भी इसे चालू कराया जा सकता है।

अटल पेंशन योजना के लिए अनिवार्य योग्यता

• आप भारतीय नागरिक होने चाहिए।
• आपका बैंक में बचत खाता होना चाहिए।
• न्यूनतम प्रवेश आयु 18 वर्ष और अधिकतम 40 साल है। पेंशन शुरू होने की उम्र 60 साल है।
• इस योजना के तहत किसी निवेशक को कम से कम 20 साल की अवधि और अधिकतम 60 साल आयु तक निवेश करना जरूरी है।
• आप केवल एक अटल पेंशन योजना खाता खोल सकते हैं।

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