राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को दो दिवसीय दौरे पर अपनी धर्मपत्नी सविता कोविंद के साथ राजस्थान पधारे थे। जयपुर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद राष्ट्रपति कोविंद शहर के बिड़ला सभागार परिसर में राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी प्रदर्शनी का अवलोकन करने पहुंचे। यहां उन्होंने जब मौजूद श्रोताओं को संबोधित किया तो एक क्षण में सभी की हंसी फूट पड़ी और सभी पेट पकड़ हंसने लगे।
हुआ कुछ यूं कि मंच पर संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भाषण में प्रदेश के शहरों के नाम गिनाने लगे। भाषण के दौरान कोविंद ने कहा कि ‘राजस्थान से मेरा पुराना नाता रहा है, मैं यहां बहुत बार आया हूं। मैं बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर, पाली, सिरोही, माउंट आबू, चित्तौडगढ़, उदयपुर, कोटा, बूंदी, भरतपुर, अजमेर, नागौर, अलवर एवं जयपुर आदि जिलों में गया हूं।’ आगे उन्होंने कहा कि मैं अक्सर नाम गिनाता हूं तो लोग कहते कि छूट कौन सा गया, आपने तो सब बता दिए …।’ यह कहते ही सभागार में लोगों की हंसी फूट पड़ी।
यहां उन्होंने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (बीएसबीवाई) और मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) की खासी सराहना की। साथ ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से चर्चा करते हुए प्रदेशभर में चल रही अन्य सरकारी योजनाओं की जमकर तारीफ की। रात्रि में राजभवन में रात्रि भोज और सांस्कृतिक संध्या ‘अभिनन्दन’ में भी शामिल हुए। अगले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी धर्मपत्नी और सुपुत्री स्वाति कोविन्द के साथ पुष्कर के लिए रवाना हुए। यहां उन्होंने पुष्कर में पूजा-अर्चना कर ब्रह्मा मंदिर के दर्शन किए। इसके बाद सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में जाकर जियारत की।
इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद फिर से जयपुर पधारे। यहां उन्होंने राजभवन में राज्यपाल कल्याण सिंह से मुलाकात की। राज्यपाल सिंह ने उन्हें राजस्थान की यादें संजोए रखने के लिए ‘मोर’ का छवि चित्र और श्रीमती कोविंद को बंधेज की साड़ी भेंट की। विदाई के समय मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने उन्हें राजस्थान दौरे का एक एलबम दिया ताकि राजस्थान दौरे की यादे हमेशा ताजा रहे। उसके बाद राष्ट्रपति परिवार सहित मुंबई के लिए रवाना हो गए।
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