राजधानी जयपुर स्थित सरकारी अस्पताल जेके लोन देश का पहला ऐसा अस्पताल बन गया है, जिसमें 201 नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट यानि एनआईसीयू के बेड हैं। इन एनआईसीयू के आज शुक्रवार को शुरू होने के साथ ही नवजात को तुरंत आईसीयू और बेहतर इलाज मिलना शुरू हो गया है। बता दें, अभी जेके लोन अस्पताल में 64 एनआईसीयू और 32 सर्जिकल एनआईसीयू बेड हैं। इन नए 105 एनआईसीयू का शुक्रवार को चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने उद्घाटन किया। जानकारी के अनुसार इन सभी में केवल आठ करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। एनआईसीयू में 105 नए बेड की सुविधा की शुरूआत हो जाने से नवजातों को आसानी से इलाज मिल पाएगा।
नवजात बच्चों को मिल सकेगा फायदा, अस्पताल का नॉर्वे से है एमओयू
जेके लोन अस्पताल में अब प्री-मेच्योर बेबी, कम वजन वाले कमजोर बच्चे, समय पूर्व जन्म लेने वाले, जिनमें आरडीएस डिजीज व पीलिया से ग्रस्त। बर्थ स्पिक्सिया, पैदा होने के बाद देर से रोने वाले, नवजात में दौरे की बीमारी, सेप्टीसीमिया, जन्मजात विकृति, मेटाबॉलिक डिजीज व वंशानुगत बीमारियों वाले नवजात मरीज यहां भर्ती हो सकेंगे। जेके लोन अस्पताल का ऑस्लो विश्वविद्यालय, नॉर्वे के साथ एमओयू है। जिसके कारण जेके लोन अस्पताल में नार्वे के स्तर पर इलाज मिलता है। नॉर्वे की टीम हर छह माह में यहां आती है और इलाज और अन्य सुविधाओं के स्तर पर काम करते हैं। साथ ही यहां से हर साल डॉक्टर्स, नर्सिंगकर्मी भी नार्वे जाकर अपनी कार्यकुशलता बढ़ाते हैं। गौरतलब है कि स्वाइल फ्लू विंग और चरक भवन में कॉस्मेटिक क्लीनिक की भी आज से शुरुआत हो गई है। इससे मरीजों की मेजर-माइनर कॉस्मेटिक सर्जरी हो सकेगी।
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जेके लोन की 3 यूनिटों में लगेंगे 105 बेड, हाईटेक सिस्टम से होंगे लैस
- हाई डिपेंडेंसी यूनिट (51 बेड): इनमें वेंटिलेटर, मल्टीपेरा मॉनीटर, इंफ्यूजन पंप व रेडिएंट वार्मर भी हैं।
- लो डिपेंडेसी यूनिट (27 बेड): हर बेड पर इंफ्यूजन पंप, फोटो थेरेपी यूनिट और मल्टीपेरा मॉनीटर होगा।
- फेमिली बेस्ड केयर (27 बेड): यहां रेडिएंट वार्मर, इंफ्यूजन पंप, मल्टीपेरा मॉनीटर होगा। ‘कंगारू मदर केयर’ सुविधा भी होगी।