जम्मू कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में साहस का परिचय देने वाले सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्हें कीर्ति चक्र से नवाजा गया है। राजस्थान के चेतन चीता को 14 फरवरी, 2017 को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में 9 गोलियां लगी थी। इसके बाद भी उन्होंने अदम्य साहस दिखाते हुए आतंकियों को मार गिराया था। चीता के अलावा सेना के मेजर डेविड मनलुन और जम्मू-कश्मीर लाइन इंफेन्ट्री के मेजर विजयंत बिष्ट को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है।
आपको बता दें कि आतंकियों से मुकाबले में चेतन चीता ने अपनी एक आंख गंवा दी है। उनके शरीर पर घाव के निशान अभी भी पूरी तरह ठीक नहीं हुए हैं। हाथ पूरी तरह से काम नहीं कर रहा है, जिसके लिए वह फिजियोथेरेपी ट्रीटमेंट ले रहे हैं। पूरी तरह से ठीक होने में उन्हें दो साल का वक्त लग सकता है।
जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा के हाजिन क्षेत्र में आतंकियों के साथ एक साल पहले गोलीबारी में बुरी तरह घायल हुए चेतन चीता 20 मार्च को दोबारा ड्यूटी पर वापस लौट आए। चेतन चीता ने सीआरपीएफ हेडक्वार्टर दिल्ली में ड्यूटी संभाली है।
पिछले साल आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन के कमांडेंट चेतन चीता को 9 गोलियां लगी थीं जिसकी वजह से राजस्थान का यह शेर डेढ़ महीने तक कोमा में रहा। डॉक्टर्स का कहना है कि इतनी बुरी तरह घायल होने के बाद उनकी जिंदगी का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
दुश्मनों से डटकर लोहा लेने वाले जाबांज @crpfindia कमांडेंट श्री चेतन चीता को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया । उनको ढेरों शुभकामनाएं । आज राजस्थान ही नहीं सारा देश आप पर गर्व कर रहा है । pic.twitter.com/3gBFWgFgJS
— BJP Rajasthan (@BJP4Rajasthan) 29 March 2018
ड्यूटी पर वापस लौटे चेतन चीता ने कहा, ‘ड्यूटी पर लौटकर काफी खुश हूं। इस वर्दी के बिना मेरी जिंदगी अधूरी है। अगर मुझे फील्ड ड्यूटी मिलेगी तो उसे स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं होगी।’
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