प्रदेश की राजधानी जयपुर में मंगलवार को गोपालन समिति की बैठक बुलाई गई। समिति की इस बैठक में राज्य की 50 गौशालाओं को अनुदान सहायता स्वीकृत कर दी गई है। जिला कलक्टर सिद्धार्थ महाजन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिले की पंजीकृत गौशालाओं में संधारित किए जा रहे पशुओं के लिए अनुदान सहायता राशि स्वीकृत की गई। गोपालन समिति ने जिले में पंजीकृत 50 गौशालाओं में संधारित किए जा रहे छोटे-बड़े 20 हजार पशुओं के लिए सहायता राशि स्वीकृत की है।
50 गौशालाओं के 20 हजार पशुओं के लिए सहायता राशि स्वीकृत
समिति ने पंजीकृत 50 गौशालाओं के लिए राशि स्वीकृत कर दी है। इन गौशालाओं में करीब 20 हजार की संख्या में गौ-धन हैं। इनमें बड़े पशु के लिए 32 रुपये एवं छोटे पशु के लिए 16 रुपये प्रति पशु के हिसाब से सहायता राशि गौशाला संचालकों को दी जाएगी। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. जेआर बैरवा ने बताया कि यह राशि जिला कलक्टर ने तीन माह, जनवरी, फरवरी व मार्च के लिए स्वीकृत की है। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (पूर्व) डॉ. बीडी कुमावत व कोषाधिकारी पवन जैमन सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
Read More: शिक्षा विभाग का आदेश, स्कूलों में ‘पास बुक्स’ से नहीं पढ़ा सकेंगे शिक्षक
राजे सरकार ने 4 साल में 700 करोड़ से अधिक राशि मंजूर की
राजस्थान के गोपालन मंत्री अजयसिंह किलक ने पिछले महीने विधानसभा में जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान सरकार गौवंश संरक्षण के लिए गौशालाओं को 700 करोड़ रुपए से अधिक अनुदान दे चुकी है। मंत्री किलक ने विधानसभा शून्यकाल में इस सम्बन्ध में उठाए गए उठाए गए मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए कहा था कि पूर्ववर्ती सरकार ने पांच वर्षों में मात्र 85 करोड़ रुपये का गौशालाओं को अनुदान दिया था, जिसमें मात्र 800 गौशालाएं शामिल थीं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद गौशालाओं को वर्ष 2016-17 में 132.68 करोड़ रुपये का अनुदान दिया एवं वर्ष 2017-18 में 183.72 करोड़ रुपये अनुदान देने की प्रक्रिया जारी है। मंत्री किलक ने आगे कहा कि इस प्रकार वर्ष 2016 से अब तक 310 करोड़ रुपये से अधिक अनुदान दिया जा चुका है।