राजस्थान में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना को लागू करने में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज महकमा फिसड्डी साबित हो रहा है। योजना के तहत स्वीकृत किए गए आवासों में से अभी भी आधे से ज्यादा आवास बनाये जाने शेष हैं। मुख्य सचिव ने विभाग को 31 मार्च तक अपूर्ण आवासों को पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए हैं। वहीं इंदिरा आवास योजना के तहत भी अभी तक करीब 70 हजार आवास पूरे नहीं बन पाये हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते योजना में तय किए गए लक्ष्य हासिल नहीं हो पा रहे हैं।
इंदिरा आवास योजना के भी करीब 69 हजार 371 आवास अभी अधूरे
हालात ये हैं कि योजना के तहत पिछले दो साल में प्रदेश में कुल 4 लाख 70 हजार 839 आवासों की स्वीकृति जारी की गई है लेकिन अभी तक इनमें से आधे से ज्यादा आवास बनकर तैयार नहीं हो पाये हैं। ग्रामीण विकास विभाग के शासन सचिव रोहित कुमार ने सभी कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर 31 मार्च तक अधूरे आवास पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में इंदिरा आवास योजना के भी करीब 69 हजार 371 आवास अभी अधूरे पड़े हैं। इन आवासों को भी 31 मार्च तक पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन अभी तक भी योजना में अपेक्षित प्रगति नहीं हो पाई है। अब भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि इंदिरा आवास योजना के साल 2015-16 तक के अपूर्ण आवास यदि 31 मार्च तक पूर्ण नहीं किए जाते हैं तो शेष देनदारियों का भुगतान भारत सरकार द्वारा नहीं किया जाएगा।
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