एक जनवरी, 2004 के पश्चात राजस्थान की सरकारी सेवाओं में नियुक्त राज्य कर्मियों को नेशनल कॉन्ट्रिब्यूटरी पेंशन स्कीम (एनसीपीएस) के तहत पेंशन दिए जाने का प्रावधान है। राजस्थान सरकार पर वित्तीय भार को देखते हुए इन राज्य कर्मियों को पुराने नियम से पेंशन दिया जाना संभव नहीं है। उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने सोमवार को विधानसभा में शून्यकाल में उठाए गए मुद्दे पर हस्तेक्षप करते यह कथन कहा है।
उन्होंने बताया कि एक जनवरी, 2004 को केन्द्रीय सरकार द्वारा नेशनल कॉन्ट्रिब्यूटरी पेंशन स्कीम (एनसीपीएस) शुरू की गई थी, जिसे राजस्थान सहित देश के अधिकांश राज्यों ने अपनाया है। दूसरी ओर, राज्य सरकार को राजस्व के रूप में 58 हजार करोड़ रुपए कर प्राप्त होते हैं। वहीं राज्य कर्मचारियों को वेतन के तौर पर 48 हजार करोड़ रुपए और पेंशन पर 19 हजार करोड़ रुपए खर्च किये जाते हैं। यह राशि कुल मिलाकर 67 हजार करोड़ होती है जो राजस्व प्राप्ति से भी अधिक है। ऐसे में राज्य सरकार पर वित्तीय भार को देखते हुए 2004 के पश्चात नियुक्त राज्य कर्मियों को पुरानी पेंशन स्कीम के तहत पेंशन दिया जाना संभव नहीं है।