अकसर देखा जाता है कि राजनीति के मैदान में सत्ताधारी व विपक्ष एक दूसरे के विपरीत ही होते हैं। राजनीति का यही एक उसूल है। यहां एक-दूसरे की हमेशा ही काठ काटी जाती है। लेकिन मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने इस बात को गलत साबित करते हुए विपक्ष के एक नेता के यहां सांत्वना प्रकट करने पहुंची हैं। अपने कोटा प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री राजे कांग्रेस के नेता और पूर्व गृह मंत्री शांति धारीवाल के राजभवन रोड स्थित आवास पर पहुंची और उनके भतीजे शेखर धारीवाल के 2 फरवरी को हुए आकस्मिक निधन पर सांत्वना व्यक्त की। वह यहां करीब आधा घंटा रहीं और ईश्वर से परिवारजन को इस मौके पर शक्ति देने की प्रार्थना की।
हालांकि अभी भी कुछ लोगों को मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे का ऐसा करना सोची समझी राजनीति से प्रेरित लगता है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। यह राजनीति से परे सोचकर बड्प्पन दिखाने वाली बात है। आमतौर पर माना जाता है कि सुख में आप साथ रहे या न रहें लेकिन दुख में किसी का साथ हमेशा याद रहता है। मुख्यमंत्री राजे ने यह जानते हुए कि धारीवाल विपक्ष के नेता हैं, उनके घर गईं और परिवारजन को धीरज बंधाया।
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की निस्वार्थ सोच का ही परिणाम है कि हाल ही में कांग्रेस के सामने उपचुनाव हारने के बाद भी राजे विपक्षी नेता के घर आ पहुंची। अब जिनके दिलोदिमाग में केवल राजनीति बसती हैं, वो लोग कुछ भी सोच सकते हैं लेकिन जो राजनीति से परे सोचते हैं, वह सभी मुख्यमंत्री राजे की इस सोच की तारीफ करते नहीं थकते हैं।
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