राजस्थान हाईकोर्ट ने फिल्म पद्मावत के निर्माता संजय लीला भंसाली को राहत देते हुए उनके खिलाफ एफआईआर रद्द करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही राजस्थान सरकार को फिल्म पद्मावत चलाने वाले और देखने वालों को सुरक्षा प्रदान करने को भी कहा है। जोधपुर हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब फिर से एक बार लगने लगा है कि रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर जैसे सितारों से सजी यह फिल्म राजस्थान में रिलीज होगी। इधर राजूपत करणी सेना के अध्यक्ष लोकेन्द्र कालवी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर फिल्म को फिर से विवादित इतिहास बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पद्मावत पर बैन लगाने की बात कही है।
एक स्पेशल स्क्रीनिंग के जरिए फिल्म पद्मावत देखने के बाद जस्टिस संदीप मेहता ने सुनवाई के दौरान कहा कि ‘फिल्म में आपत्ति जैसा कुछ नहीं बल्कि इसमें राजपूताने को ग्लोरीफाई किया गया है।’ सोमवार को फिल्म देखने के बाद जस्टिस संदीप मेहता ने राजस्थान में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना करवाने के आदेश दिए। साथ ही यह भी कहा कि प्रदेश में जो भी फिल्म दिखाना चाहें उसे सरकार सुरक्षा प्रदान करें ताकि शिकायतकर्ता और जनता फिल्म देख सकें।
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आपको बता दें कि फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली, अभिनेता रणवीर सिंह और अभिनेत्री दीपका पादुकोण पर नागौर जिले के डीडवाणा थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में फिल्म पद्मावत के द्वारा जनभावनाओं को आहत करने और इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया है। इस एफआईआर को रद्द कराने के लिए भंसाली ने एक याचिका हाईकोर्ट में दर्ज की थी। केस की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने फिल्म स्क्रिनिंग करने का आदेश दिया था।
यह स्पेशल स्क्रीनिंग सोमवार रात जोधपुर के हाईकोर्ट रोड स्थित आइनोक्स सिनेमा हॉल में रखी गई थी। इस स्पेशल शो में हाईकोर्ट जस्टिस संदीप मेहता के साथ रजिस्टार, जस्टिस मेहता के निजी सचिव, स्टेनों सहित कुल पांच लोग मौजूद थे। फिल्म को देखने के बाद हाईकोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए भंसाली सहित अन्य लोगों पर लगी एफआईआर रद्द करने और फिल्म लगाने व देखने वालों की सुरक्षा के निर्देश दिए हैं।
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