पद्मावती से पद्मावत बनी संजय लीला भंसाली की फिल्म का राजस्थान में सभी को इंतजार है। पद्मावत राजस्थान की सरजमीं पर सबसे विवादित फिल्म बन गई है जिसका राजपूत समाज जमकर विरोध कर रहा है। इस फिल्म पर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना चुका है कि फिल्म की रिलीज प्रदेश में की जानी चाहिए। पद्मावत 25 जनवरी को रिलीज होनी है। फिल्म की रिलीज में केवल एक दिन बचा है। लेकिन उसके बाद भी यह निश्चित नहीं है कि आखिर यह फिल्म राजस्थान के सिनेमाघरों के पर्दों पर दिखाई जाएगी या फिर नहीं। राज्य प्रशासन सतर्क और पुलिस मुश्तैद लेकिन इसके बाद भी स्थितियां नियंत्रण में आते नजर नहीं आ रही हैं। राजपूत महिलाओं के जौहर किए जाने की धमकी के बाद मामला और भी पेचिदा हो गया है।
बात करें प्रदेश के सिनेमाघरों की राजपूत करणी सेना ने कई जगहों पर शक्ति प्रदर्शन कर वहां भी डर का माहौल फैला दिया है। राजधानी जयपुर के राजमंदिर, आईनोक्स सहित कई बड़े सिनेमाघरों को घेर फिल्म पर्दे पर न दिखाने की बात कही गई है। वहीं सिनेमाघरों के संचालकों से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर भी फिल्म न दिखाने की अपील की जा रही है। दिल्ली में भी एक सिनेमाघर में फिल्म न दिखाए जाने के विवाद में वहां जमकर तोड़फोड़ हुई है।
दूसरी ओर, राजधानी सहित कई प्रदेशों में मुख्य सड़क मार्ग जाम कर पद्मावत का विरोध किया जा रहा है। राजपूत समाज के साथ हिन्दू समाज भी एकजुट हो इस फिल्म का विरोध साझा कर रहा है। वहीं शुक्रवार को 26 जनवरी और 29 जनवरी को उपचुनाव होने के चलते पुलिस प्रशासन का काम और भी कठिन साबित हो रहा है। पुलिस सभी सिनेमाघरों पर नजर जमाए हुए है और गश्त कड़ी कर दी गई है। राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में हालात एक समान देखे गए हैं।
राजस्थान में इन हालाकों के मद्देनज़र पद्मावत का प्रदेश में रिलीज होना किसी भी तरीके से संभव नहीं है। अगर फिर भी यह फिल्म सिनेमाघरों के पर्दे पर दिखाई जाती है तो राजपूत करणी सेना का उत्पाद होना पक्का है। दूसरी ओर, केवल एक दिन में वितरकों से बातचीत कर फिल्म का प्रदर्शन भी किसी लिहाज से सुरक्षित नहीं होगा। ऐसे में यही माना जा सकता है कि विवादों से भरी फिल्म पद्मावत राजस्थान में रिलीज नहीं होगी।
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