मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पद्मावत पर रिव्यू पिटीशन दायर की। इस पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। राजस्थान सरकार के साथ ही मध्य प्रदेश सरकार भी इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट पहुुंची है। दरअसल, पद्मावत फिल्म पर बैन असंवैधानिक करार देते हुए राज्य सरकार के लगाए बैन को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राजस्थान सरकार ने रिव्यू पिटीशन दायर की। बॉलीवुड फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत पर चार राज्यों में लगे बैन को सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में असंवैधानिक करार देते हुए बैन हटाने का फैसला दिया था।
हाल ही में बैन को असंवैधानिक करार देते हुए यह कहा था सुप्रीम कोर्ट ने
इससे पहले हाल ही फिल्म पद्मावत पर चार राज्यों में बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बहस हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में चार राज्यों में बैन को असंवैधानिक करार दिया। चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया की बैंच ने राज्यों में कानून व्यवस्था बनाना राज्यों की जिम्मेदारी बताते हुए राज्यों के नोटिफिकेशन को गलत करार दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकारों के नोटिफिकेशन से आर्टिकल 21 के तहत मिलने वाले अधिकारों का हनन होता है। यह राज्यों का दायित्व है कि वह क़ानून व्यवस्था बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा था कि राज्यों की यह भी जिम्मेदारी है कि फिल्म देखने जाने वाले लोगों को सुरक्षित माहौल भी प्रदान करे।
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राजस्थान में कई जगह हो रहे हैं फिल्म की रिलीज को लेकर विरोध प्रदर्शन
राजस्थान में फिल्म पद्मावत की रिलीज को लेकर विरोध प्रदर्शन और तेज हो गए हैं। करणी सेना के कार्यकर्ताओं आज जयपुर स्थित आइनॉक्स सिनेमा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। जिसमें बड़ी संख्या में करणी संख्या के कार्यकर्ता शामिल रहे। उन्होंने सिनेमाघरों में फिल्म रिलीज न करने की मांग रखी। राजसमंद का देवगढ़ कस्बा भी विरोध के कारण बंद रहा। विरोध को देखते हुए कस्बे में पुलिस बल तैनात करना पड़ा। जालौर में कई जगह फिल्म रिलीज का विरोध करते हुए करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने रास्ते जाम किए। प्रशासन के आश्वासन के बाद रास्तों से जाम हटवाए गए। इधर, राजस्थान के फिल्म डिस्टीब्यूटर्स ने भी अब फिल्म राजस्थान में रिलीज नहीं करने का फैसला किया है।