जयपुर। प्रदेश के डूंगरपुर में सरकारी स्कूल के शिक्षकों की भर्ती को लेकर शुरू हुआ प्रदर्शन थम नहीं रहा है। आदिवासियों के 5 दिनों के हिसंक विरोध प्रदर्शन में दो लोगों की मौत हो गई है और 5 अन्य घायल हो गया है। रात को आंदोलनकारियों ने पूरे खेरवाड़ा इलाके को घेर लिया और कई होटल और मकानों में आग लगा दी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी। बताया जा रहा है कि आदिवासी आंदोलनकारियों ने 20 किलोमीटर से ज्यादा बड़ा इलाका अपने कब्जे में ले लिया है, जहां पर वो लूटपाट, आगजनी और तोड़फोड़ कर रहे हैं। पिछले 60 घंटे से उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे बंद है।
RAF की 2 और RAC की 6 कंपनियां तैनात, 24 केस दर्ज
डूंगरपुर और आसपास के इलाकों में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और राजस्थान सशस्त्र पुलिसबल (RAC) को भी तैनात किया गया। बताया गया कि RAF की दो और RAC की 6 कंपनियों के जवानों की तैनाती की गई है। इधर, राज्य के पुलिसबल के प्रमुख डीजीपी भूपेंद्र सिंह (DGP Bhupendra Singh) ने मीडिया के साथ बातचीत में बताया कि डूंगरपुर में हिंसक प्रदर्शनों को लेकर 24 केस दर्ज किए गए हैं। जयपुर से विशेष विमान से सीनियर पुलिस के अधिकारी डीजे कानून व्यवस्था आईपीएस लाठर, जयपुर पुलिस कमिश्नर अनंत श्रीवास्तव और एंटी करप्शन ब्यूरो में एडीजी दिनेश एमएन को उदयपुर भेजा गया है। प्रशासन का दावा है कि भीड़ में कुछ बाहरी लोग घुस आए हैं, जो बातचीत नहीं होने दे रहे हैं और बातचीत को हिंसा का रूप दे रहे हैं। स्थानीय लोगों से बातचीत में पता चला है कि कुछ लोग झारखंड और छत्तीसगढ़ से आए हैं क्योंकि उनकी भाषा यहां की स्थानीय भाषा नहीं है।
पंचायत चुनाव रद्द
डूंगरपुर बांसवाड़ा प्रतापगढ़ और उदयपुर में धारा 144 लगाते हुए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने डूंगरपुर हिंसा के मद्देनजर बड़ा फैसला लिया। हिंसक प्रदर्शनों का असर ग्राम पंचायत चुनाव पर न पड़े, इसको देखते हुए आयोग ने उदयपुर जिले की 55 पंचायतों में होने वाला चुनाव स्थगित कर दिया। इन पंचायतों के लिए कल यानी 28 सितंबर को वोट डाले जाने थे। निर्वाचन आयोग ने उदयपुर में लॉ एंड ऑर्डर के हालात को देखते हुए फिलहाल पंचायत चुनाव स्थगित करने की सूचना जारी कर दी। बताया गया कि उदयपुर के गोगुंदा और सराडा पंचायत समितियों के तहत 55 पंचायतों के चुनाव स्थगित किए गए हैं।
हिंसा के बाद हरकत में आई गहलोत सरकार
डूंगरपुर हिंसा के बाद राज्य सरकार आदिवासी इलाकों के प्रति और अधिक संवेदनशील हो गई है। राज्य सरकार ने हमेशा रामभरोसे चलते रहे जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग यानी टीएडी (TAD) में पूर्णकालिक अफसर तैनात कर दिए। राज्य सरकार ने हाल ही में दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी इलाकों के युवाओं के लिए टीएडी सुपर-30 प्रोजेक्ट की सौगात दे दी थी। प्रोजेक्ट के तहत युवाओं को प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी के लिए ऑनलाइन फ्री कोचिंग दी जाएगी। जनजाति के विद्यार्थियों को संघ लोक सेवा आयोग और राजस्थान लोक सेवा आयोग में चयन के लिए कोचिंग कराई जाएगी।
ये है पूरा मामला
12 अप्रैल, 2018 को थर्ड ग्रेड टीचर भारतीय में आदिवासी क्षेत्र के लिए 5431 पद पर भर्ती निकली थी। आदिवासी इलाकों को टीएसपी एरिया कहा जाता है, जिसमें एसटी को 45 प्रतिशत ,एससी को 5 प्रतिशत और सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत आरक्षण है। इस भर्ती में सामान्य वर्ग के लिए 2721 पद थे। नियम के अनुसार, एससी और एसटी के छात्र 36 प्रतिशत नंबर लाकर पास कर सकते हैं, मगर सामान्य वर्ग के छात्रों को 60 प्रतिशत नंबर लाना जरूरी है। ऐसे में सामान्य वर्ग से 1554 पद पर ही छात्र 60 प्रतिशत नंबर लाए और 1167 पद खाली रह गया। अब आदिवासी परीक्षार्थियों का मानना है कि बाकी रह गए 1167 पदों पर भी 36 प्रतिशत नंबर लाने वाले आदिवासियों की भर्ती दी जाए। हाई कोर्ट इसे मना कर चुका है। हाईकोर्ट ने कहा था कि सामान्य वर्ग के खाली पद भरने के लिए 60 प्रतिशत अंक जरूरी है।