प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अब एक और कदम उठाया जा रहा है। अब से 15 साल से पुराने वाहन आउटडेटेड हो जाएंगे। इन वाहनों में बाइक, स्कूटर, कार और कमर्शियल वाहन भी शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार जिले में 15 साल पुराने वाहनों की संख्या 2.29 लाख बताई जा रही है। अब अगर 31 दिसम्बर तक इन वाहनों का रि-रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया तो यह सभी वाहन सड़कों पर नहीं उतर पाएंगे। उस समय अगर कोई दुर्घटना घटित होती है तो क्लेम से भी हाथ धोना पड़ेगा। आरटीओ ने इनका रजिस्ट्रेशन 6 महीने पहले कैंसिल कर दिया है। इसके बाद भी अभी तक केवल साढ़े 6 हजार वाहन मालिकों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है। नए साल से परिवहन विभाग ऐसे वाहनों को सीज करने पर कार्यवाही शुरू कर देगा। फिलहाल यह व्यवस्था केवल कोटा जिले के लिए ही की गई है।
कोटा के आरटीओ धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि ऐसे वाहनों की लिस्ट बनाई जा रही है। वाहन मालिकों को सूचना के बाद अपील करने का एक महीने का समय दिया था। अब वाहनों को ही सीज किया जाएगा। दूसरी ओर, एआरटीओ द्वारका प्रसाद मीणा का कहना है कि 15 साल पुराने वाहनों का नवीनीकरण करने के लिए फिटनेस, प्रदूषण व बीमा का प्रमाण पत्र जरूरी होगा। जब 2 लाख से ज्यादा पुराने वाहन चलना बंद होंगे तो शहर के प्रदूषण में भी कमी आएगी। अगर कोई बिना रिन्यूवल के वाहन चलाएगा तो उसकी जिम्मेदारी वाहन चालक की होगी, क्योंकि हादसा होने पर कोई क्लेम नहीं मिलेगा।
यह है मोटर व्हीकल का नियम
मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 39 के अंतर्गत प्रत्येक वाहन का रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। 15 साल गुजरने के बाद वाहन के रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण करवाना होता है। अगर वाहन मालिक ऐसा नहीं करता है तो वह मोटर व्हीकल एक्ट की अवहेलना कर रहा है।
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